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ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का बेस्ट डेस्टिनेशन होगा एमपी
ऑटो मोबाइल और इंजीनियरिंग पर विशेष सत्र में उद्योग मंत्री श्री शुक्ल
वाणिज्य तथा उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि अगले 10 साल में प्रतिवर्ष देश में 6 करोड़ 50 लाख वाहन निर्मित होंगे। ऑटोमोबाइल और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में विद्यमान सुविधाओं और प्रशिक्षित मानव संसाधन की उपलब्धता के परिणामस्वरूप मध्यप्रदेश ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिये बेस्ट डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि विश्व के स्थापित ऑटोमोबाइल ब्रांड वाल्वो के भारत में विद्यमान 8 में से 7 प्लांट मध्यप्रदेश में संचालित है। श्री शुक्ल ने यह जानकारी ऑटोमोबाइल तथा इंजीनियरिंग पर केन्द्रित सत्र में दी। उद्योग आयुक्त श्री व्ही.एल. कान्ताराव भी मौजूद थे।
एमएसएमई मंत्री संजय सत्येन्द्र पाठक ने कहा कि मध्यप्रदेश एमएसएमई मंत्रालय पृथक से गठित करने वाला देश का अग्रणी राज्य है। उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में संचालित एन्सीलरी इकाईयाँ एमएसएमई मंत्रालय में आती हैं। प्रदेश में वोल्वो के आने से 65 से अधिक एन्सीलरी का संचालन शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में बड़ी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री स्थापित हों, जिससे एंसीलरी संचालन और रोजगार के अधिक से अधिक अवसर निर्मित होंगे। श्री पाठक ने कहा कि राज्य शासन सिक यूनिट की सहायता के लिये भी संवेदनशील है।
ऑटोमोबाइल तथा इंजीनियरिंग सत्र में भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय की संस्था नेट्रीक्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संजय बंदोपाध्याय ने बताया कि पीथमपुर में वर्ष 2006 से संचालित ऑटो टेस्टिंग ग्राउण्ड एशिया का सबसे बड़ा टेस्टिंग ग्राउण्ड है। यहाँ 14 प्रकार के टेस्ट की सुविधा उपलब्ध है।
सत्र में आयशर समूह के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विनोद अग्रवाल ने स्मार्ट मेन्युफेक्चरिंग पर प्रतिभागियों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि पीथमपुर के प्लांट में बनने वाले इंजन यूरोप के ट्रकों में लगाये जा रहे हैं।
सत्र में आयशर के दिनेश मुनु ने कहा कि ऑटोमोबाइल उद्योग की निरंतर सफलता के लिये ऑटो-पार्ट निर्माण और आपूर्ति की सशक्त तथा समयबद्ध सप्लाई चेन आवश्यक है। श्री मुनु ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि पीथमपुर में औद्योगिक भू-खण्ड आवंटन के लिये उन्होंने नेट पर आवेदन किया था और समस्त प्रक्रिया के बाद एक माह में उन्हें भू-खण्ड आवंटन संबंधी पत्र प्राप्त हो गया।
ट्रायफेक के एमडी डी.पी. आहूजा ने जानकारी दी कि पीथमपुर और देवास में 90 बड़ी तथा 700 लघु एवं मध्यम इकाइयाँ संचालित हैं, जो सीधे 25 हजार लोगों को रोजगार दे रही हैं। सत्र में वेण्डर डेव्हलपमेंट प्रोग्राम, सर्विस इंडस्ट्री के लिये प्रावधान और इंक्युबेशन सेंटर की भी जानकारी दी गई।
MadhyaBharat
23 October 2016
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