निवेश का हिसाब और सुशासन की किताब
madhyprdesh shivraj singh

इंदौर में दो दिवसी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का समापन होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्य सचिव अंटोनी डिसा आज अधिकारियों से चर्चा कर इन निवेश प्रस्तावों को धरातल पर लाने के लिए रणनीति को लेकर अधिकारियों से चर्चा की । समिट में आए प्रस्तावों का विश्लेषण कर यह तय किया जाएगा कि कौन से गंभीर निवेश प्रस्ताव है और इन प्रस्तावों के लिए रिलेशनशिप मैनेजर के रूप में अधिकारियों की तैनाती करने से लेकर इसके फालोअप की रणनीति पर मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव चर्चा करेंगे।

इन्वेस्टर समिट में 2630 निवेशकों ने 5 लाख 62 हजार 847 करोड़ रुपए के प्रस्ताव  दिए है। इनमें से विभिन्न सेक्टरों में आए निवेश और बड़े उद्योगपतियों द्वारा दिए गए निवेश प्रस्तावों को लेकर मुख्य सचिव अंटोनी डिसा पहले उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मोहम्मद सुलेमान, एमएसएमई के प्रमुख सचिव वीएल कांताराव, नगरीय प्रशासन, राजस्व सहित अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे। इसके बाद शाम पांच बजे मुख्यमंत्री निवेश प्रस्तावों को लेकर इन सभी विभागों के अधिकारियों और मुख्यसचिव के साथ चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री पहले बड़े निवेशकों आदित्य बिड़ला, अंबानी समूह, बाबा रामदेव सहित अन्य देशी-विदेशी निवेशकों द्वारा दिए गए निवेश प्रस्तावों का विश्लेषण अधिकारियों के साथ करेंगे। इसमें से बड़े निवेश प्रस्तावों पर पहले बात होगी। इन प्रस्तावों को धरातल पर लाने, निवेशकों को सिंगल विंडो पर सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने, जमीन, पानी, बिजली, इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने को लेकर क्या रणनीति हो यह तय किया जाएगा। हर निवेशक के साथ एक-एक आईएएस अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। रिलेशनशिप मैनेजर बनाए जाएंगे। निवेश प्रस्तावों को शुरु करने तक उनके अलग-अलग फालोअप किस तरह किया जाए, अधिकारियों की क्या भूमिका हो, विभिन्न विभागों से जुड़ी अनुमतियां देने के लिए विभागवार अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। निवेशक को एक स्थान पर आवेदन करने पर सारी सुविधाएं कैसे मिले यह तय किया जाए। इस बार मुख्यमंत्री का फोकस जल्द से जल्द समयसीमा के भीतर इन निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने में होगा।

इंदौर में दो दिन चली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रदेश में आए निवेश के प्रस्तावों को अमल में लाने के लिए मुख्यमंत्री चाहते है कि अगले साल मिशन मोड पर काम करना है। प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़े, निवेश ज्यादा हो ताकि प्रदेश का औद्योगिक विकास तेजी से हो इसलिए इन निवेश प्रस्तावों को जल्द से जल्द पूरा कराने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया जाएगा।

 

डिसिप्लीन & कॉर्डिनेशन का पाठ पढ़ेंगे मंत्री, IAS-IPS

एमपी  के 46 जिलों के कलेक्टर, एसपी, सीईओ जिला पंचायत,नौ संभागों के कमिश्नर और पंद्रह नगर निगम आयुक्तों की दो दिवसीय कलेक्टर-कमिश्नर कांफे्रंस मंगलवार को सुबह साढ़े दस बजे से नर्मदा भवन में शुरु होगी। इसमें सभी मंत्रियों को भी बुलाया गया है। मंत्रियों के साथ अफसरों से मुख्यमंत्री कई सत्रों में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और मुख्य सचिव अंटोनी डिसा उद्घाटन सत्र के बाद सबसे पहले अफसरों से से पूछेंगे कि आम जनता को नागरिक सेवाएं समय पर दी जा रही है या नहीं, इसमें क्या कठिनाई आ रही है और इसे और बेहतर बनाने के लिए क्या किया जा सकता है। कलेक्टर-कमिश्नर कांफ्रेंस की शुरुआत सुबह दस बजे उद्घाटन सत्र से होगी। सबसे पहले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान कलेक्टर-कमिश्नरों से गुड गर्वनेंस को लेकर बात करेंगे। राज्य सरकार की प्राथमिकताएं, आमजनता की समस्याओं के निराकरण में अधिकारियों की क्या भूमिका हो, किस तरह से सरकारी योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर पर आम लोगों तक पहुंचाना सुनिश्चित किया जाए। 2018 के चुनावों को ध्यान में रखते हुए मिशन मोड पर डेढ़ साल तक क्या करना है और कैसे करना है इसकी रुपरेखा मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव रखेंगे। इसके बाद सुबह साढ़े दस बजे नगरीय कल्याण विभाग के तहत नागरिक केन्द्रित सेवाओं का समय पर प्रदाय किस तरह किया जाए, शहरी आवास योजनाएं कैसे बने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजक्ट स्वच्छ भारत मिशन, शहरी स्वच्छता मिशन को लेकर मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव अफसरों से वन-टू वन चर्चा करेंगे।