मंत्रि-परिषद के निर्णय
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में तीन सिंचाई परियोजना के लिए 1626 करोड़ 27 लाख रुपए की मंजूरी दी गई। इन परियोजनाओं से 79 हजार 990 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी। इसका फायदा 883 ग्राम को मिलेगा।
राज्य में सिंचाई क्षेत्र के निरंतर विस्तार के तहत मंत्रि-परिषद ने नई गढ़ी सूक्ष्म सिंचाई परियोजना की 50 हजार हेक्टेयर रबी सिंचाई के लिए 856 करोड़ 4 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी। इससे रीवा जिले की गुढ़ तहसील के 30 ग्राम, मनगंवा तहसील के 33, रायपुर कर्चुलियान तहसील के 33, नई गढ़ी तहसील के 282, मऊगंज तहसील के 205, त्यौंथर तहसील के 18 और सिरमौर तहसील के 32 ग्राम सहित कुल 633 ग्राम लाभान्वित होंगे।मंत्रि-परिषद ने रामनगर सूक्ष्म सिंचाई परियोजना की 20 हजार हेक्टेयर सिंचाई के लिए 387 करोड़ 8 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी है। इससे सतना जिले के मैहर विकासखंड के 25 ग्राम और रामनगर विकासखंड के 156 ग्राम लाभान्वित होंगे।
मंत्रि-परिषद ने टेम मध्यम सिंचाई परियोजना की 9990 हेक्टेयर रबी सिंचाई के लिए 383 करोड़ 15 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी है। इससे भोपाल जिले के बैरसिया विकासखंड और गुना जिले की मकसूदनगढ़ तहसील के 69 ग्राम लाभान्वित होंगे।मंत्रि-परिषद ने नगर पंचायत टिमरनी जिला हरदा को बस स्टेण्ड निर्माण के लिए 6000 वर्ग मीटर भूमि आवंटित की। इस भूमि में से नागरिकों की सुविधा की दृष्टि से 370 वर्गमीटर भूमि पर दुकानों का निर्माण प्रस्तावित है ।
मंत्रि-परिषद ने वित्त विभाग में वित्त सेवा के अपर संचालक स्तर से वित्तीय नियंत्रक/संचालक के पद पर पदोन्नति के लिए 5 वर्ष की अर्हकारी सेवा को एक बार के लिए 2 वर्ष की छूट देते हुए न्यूनतम अर्हकारी सेवा 3 वर्ष करने का निर्णय लिया है। भरती नियमों के अनुसार अपर संचालक की निर्धारित अर्हकारी सेवा 5 वर्ष है।मंत्रि-परिषद ने तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के तहत मॉडल आईटीआई भोपाल केम्पस में \'\'इन्स्टीट्यूट फॉर ट्रेन ऑफ ट्रेनर्स\'\' (आईटीओटी) के संचालन के लिए व्याख्याता स्तर के 16 पद सहित 28 पद स्वीकृत किए हैं।
मंत्रि-परिषद ने राज्य प्रशासनिक सेवा संवर्ग के प्रभावी प्रबंधन के उद्देश्य एवं रिक्त पदों की पूर्ति के लिए निर्णय लिया कि संवर्ग के सुपर टाइम स्केल के 3 पद वरिष्ठ प्रवर श्रेणी में उपयोग किए जायें। इसके अतिरिक्त यह भी निर्णय लिया गया कि प्रवर श्रेणी वेतनमान में 6 वर्ष के स्थान पर 4 वर्ष की सेवा अवधि पूरी करने वाले अधिकारियों को वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान में क्रमोन्नति के लिए वर्ष 2016 और 2017 के लिए एक बार 2 वर्ष की छूट दी जायेगी।
मंत्रि-परिषद ने राज्य तिलहन उत्पादन संघ के सेवायुक्तों के संविलियन करने के लिए 34 सहायक प्रबंधक और 2 भृत्य के पद पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग में संविलियन करने का निर्णय लिया। यह निर्णय सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी नीति के अनुसार लिया गया।
मंत्रि-परिषद ने नायब तहसीलदार के पद पर पदोन्नति के लिए अर्हतादायी सेवा 5 वर्ष के स्थान पर केवल एक बार के लिए शिथिल करते हुए 3 वर्ष की अर्हतादायी सेवा करने का निर्णय लिया।
मंत्रि-परिषद ने राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के प्रभावी मानव संसाधन प्रबंधन के लिए तथा उनकी नियुक्ति से लेकर सेवानिवृत्ति के सेवा संबंधी विषयों पर समय-सीमा में और बेहतर कार्य सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय के निर्धारित सेटअप अनुसार 11 पद के सृजन की मंजूरी दी। यह मंजूरी सामान्य प्रशासन विभाग कार्मिक के अंतर्गत नवीन गठित अनुभाग दो (दो) के लिए दी गई।
मंत्रि-परिषद ने कम्प्यूटर दक्षता के प्रमाणीकरण के लिए अभ्यर्थियों की सुविधा की दृष्टि से कम्प्यूटर दक्षता प्रमाणीकरण परीक्षा (कम्प्यूटर प्रोफीशियेंसी सर्टिफिकेट टेस्ट - सीपीसीटी) आयोजित होने के संबंध में निर्णय लिया कि किसी भी अभ्यर्थी के लिए परीक्षा के अवसरों की कोई अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं है। नियत योग्यता का कोई भी व्यक्ति कितनी भी बार परीक्षा में बैठ सकता है। यदि कोई अभ्यर्थी अपने प्रतिशतों/दक्षता में सुधार के लिए पश्चातवर्ती परीक्षाओं में बैठना चाहे तो उसे अनुमति होगी। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी परिपत्र 26 फरवरी 2015 की कंडिका में यह संशोधन करने का निर्णय लिया गया। भविष्य में सीपीसीटी की परीक्षाओं के आयोजन की समयावधि तथा सीपीसीटी से जुड़ी अन्य प्रक्रियाओं में परिवर्तन सामान्य प्रशासन विभाग के परामर्श के बाद किए जाने के संबंध में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को अधिकृत किया गया।