भोपाल जेल में हेड कांस्टेबल की हत्या कर भागे सिमी के आठ आतंकी
atanki muthbhed
 
मुठभेड़ में पुलिस ने सभी को मार गिराया 
खंडवा जेल ब्रेक के बाद सिमी के 8 आतंकी प्रदेश की अति सुरक्षित भोपाल सेंट्रल जेल को तोड़कर फरार हो गए। हालंकि पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए न केवल उन्हें ढूंढ निकाला बल्कि क्रॉस फायरिंग में आठों आतंकवादियों को मार गिराया।
स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आॅफ इंडिया (सिमी) के आठ आतंकी भोपाल सेंट्रल जेल से एक प्रधान आरक्षक का गला रेत कर फरार हो गए थे। महज 9 घंटे बाद ही भोपाल पुलिस ने ईटखेड़ी के पास ग्राम अचारपुरा में घेराबंदी कर आठों आतंकियों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। आतंकियों ने आरक्षक को बंधक बनाया और चादरों की रस्सी बनाकर जेल की दीवार फांदकर भागे थे। घटना के बाद एडीजी समेत पांच लोगों को सस्पेंड कर दिया गया है। मध्य प्रदेश के खंडवा से सिमी आतंकी 3 साल पहले भी ऐसे ही जेल से फरार हो गए थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पुलिस कर्मियों को त्वरित कार्रवाई पर बधाई दी है, और घटना की जांच के आदेश दिए हैं। इन आतंकियों के पर देशद्रोह का मुकदमा चल रहा है। इस बार भागने वाले आतंकियों में कुछ वे आतंकी भी शामिल हैं, जो पहले भाग चुके हैं। डीजी जेल संजय चौधरी के मुताबिक सेंट्रल जेल में बंद 8 सिमी आतंकी रात करीब 2 से 3 बजे के बीच प्रधान आरक्षक रमाशंकर यादव (55) का गला रेंतकर आतंकी भाग गए थे। आतंकी 28 फीट ऊंची दीवार फांदकर भागे थे। बाद में पुलिस ने घेराबंदी गुनगा स्थित अचारपुरा में आतंकियों को एनकाउंटर में मार दिया।
पुलिस सूत्रों की माने तो आतंकियों ने ड्यूटी बदलते वक्त दो जेलकर्मियों पर हमला किया। पहले हेड गार्ड रमाशंकर यादव की हत्या कर दी। उनका गला स्टील की प्लेट और ग्लास से रेता था। इसके बाद जेल में ओढ़ने के लिए मिली चादरों की रस्सी बनाई। उसी के सहारे दीवार फांदी। हमले में दूसरा गार्ड घायल है।
शहीद रमाशंकर के दो बेटे व एक बेटी है। दोनोें बेटे सेना में तैनात हैं। अगले महीने 9 दिसंबर को बेटी सोनिया की शादी भोपाल में ही होने वाली थी। इसके लिए चार दिसंबर को तिलक का कार्यक्रम था। लेकिन इससे पहले केंद्रीय जेल के बी-ब्लॉक में सिमी आतंकियों को रोकने की कोशिश में रमाशंकर शहीद हो गए। रमाशंकर के भतीजे आत्मा कुमार भी उन्हें के साथ अहिल्या नगर में रहते हैं। आत्माकुमार का आरोप है कि जेल प्रहरी की ट्रेनिंग ले रहे करीब 92 जवानों को दीपावली पर एक साथ कैसे छुट्टी दे दी गई। इन लोगों को छुट्टी देने वाले अधिकारियों की भूमिका की जांच हो सकती है।
इस घटना के बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सीएम शिवराज सिंह चौहान व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह से सुबह बात की। इसके बाद सीएम ने डीजीपी को तलब किया। एमपी समेत देशभर में अलर्ट किया गया। बिहार व यूपी में खासतौर पर अलर्ट रखा गया। सुरक्षा के मद्देनजर प्रदेश के जिलों और अंतर्राज्यीय सीमा को पूरी तरह सील कर दिया गया। आतंकियों के भागने की सूचना गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह को सुबह 4 बजे मिली। इसके बाद गृहमंत्री ने एटीएस, हाकफोर्स, पुलिस समेत सभी को तलाशी में लगा दिया गया था। खंडवा जेल से भागे सभी आतंकियों को सुरक्षा की दृष्टि से भोपाल जेल मे लाकर रखा गया था। यहां इसके बाद से कुल 30 आतंकी बंद थे। इनकी गतिविधियों को देखते हुए सरकार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इनकी पेशी जेल से ही कई बार कराई।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले की जांच के आदेश देते हुए एडीजी जेल सुशोभन बनर्जी को हटा दिया है। बनर्जी के अलावा डीआईजी जेल मंशाराम पटेल, जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर, जेलर आलोक वाजपेयी, सहायक जेलर विवेक परस्ते, मुख्य वार्डन आनंदी लाल समेत जेल अधीक्षक को सस्पेंड कर दिया गया है। आपात बैठक लेकर मुख्यमंत्री ने आतंकियों पर पांच लाख रुपए का ईनाम भी घोषित किया था। जांच पूर्व डीजीपी नंदन दुबे को सौंपी गई है।
आतंकियों के मारे जाने के बाद गांव के लोग जमा हो गए थे। जहां ग्रामीणों ने भारत माता की जय के नारे लगाए। बताया जाता है कि गुनगा थाने में भी जश्न मनाया गया। एनकाउंटर की खबर लगते ही डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला, आईजी योगेश चौधरी, भाजपा विधायक विष्णु खत्री मौके पर पहुंचे।  सूत्रों की माने तो आतंकी गांव के आसपास बने खेतों में छिपे हुए थे। ग्रामीणों ने उन्हें उस समय देखा जब वह अपने खेतों में पानी डालने के लिए गए थे। इस दौरान आतंकियों ने ग्रामीणों को धमकाया भी था। बाद में पुलिस को सूचना दी गई और पुलिस ने उन्हें एनकाउंटर में मार गिराया।
आईजी भोपाल योगेश चौधरी ने बताया सिमी आतंकियों की ओर से पहले फायरिंग की गई थी। क्रांस फायरिंग में उन्हें पर मारा गया है। उनके पास से कट्टे और चाकू बरामद किए गए हैं। अभी पड़ताल चल रही है, उसके बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
पुलिस टीम को मिलेगा 40 लाख का ईनाम 
भोपाल जेल से  फरार होते ही इन आतंकियों के हाथ घातक हथियार भी पहुंच गए और उन्होंने उनकी तलाश कर रही पुलिस टीम को निशाना बनाने की कोशिश की। इस कोशिश को एपपी पुलिस की टीम ने नाकाम को किया। साथ ही इतनी पुख्ता घेराबंदी की ,कि कोई भी आतंकी बच नहीं पाया। घटना की सूचना मिलते ही गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह और डीजीपी ऋषिकुमार शुक्ला सीधे सर्च आॅपरेशन से जुड़ गए थे और उन्होंने पल-पल की जानकारी लेते हुए लगातार अपने अफसरों की टीम की हौसला अफजाई करते हुए सर्च पर नजर रखी। एएसपी क्राइम शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि आतंकियों के फोटो लेकर पुलिस की टीम अचारपुरा गांव में पहुंची थी। पुलिस ग्रामीणों के फोटो दिखा रही थी, तभी रहवासियों ने पुलिस को आतंकियों के छिपे होने की खबर दे दी। पुलिस टीम जब उन्हें पकड़ने के लिए पहुंची तो आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। करीब 35 मिनट तक चली फायरिंग में आठों आतंकियों को ढेर कर दिया गया।
ये है एनकाउंटर टीम, 40 लाख रुपए इनाम
एसपी नार्थ अरविंद सक्सेना
एसपी साउथ अंशुमान सिंह
एएसपी क्राइम शैलेंद्र सिंह चौहान
एएसपी जोन-4 धर्मवीर सिंह
एएसपी जोन-2 मयंक अवस्थी
टीआई वीरेंद्र सिंह चौहान
टीआई जीतेंद्र पटेल
70-80 पुलिस टीम
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सिमी आतंकियों पर घोषित इनाम 40 लाख रुपए एनकाउंटर टीम को देने का ऐलान किया है। आतंकियों पर 5-5 लाख रुपए इनाम घोषित किया गया था।