अब छत्तीसगढ़ी में शिव महापुराण और शिव कार्तिक महात्म्य
shiv mahapuran

 

धार्मिक ग्रंथ शिव महापुराण-शिव कार्तिक महात्म्य अब आप छत्तीसगढ़ी में भी पढ़ सकेंगे। छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग इन दोनों धर्मग्रंथों का छत्तीसगढ़ी में अनुवाद करवा रहा है। 28 जनवरी 2017 को राजिम में आयोजित होने जा रहे आयोग के 5वें प्रांतीय सम्मेलन में इनका विमोचन होगा।

आयोग ने कुरान का भी छत्तीसगढ़ी में अनुवाद करवाने का फैसला लिया है, इसके लिए साहित्यकारों को ऑफर दिया गया है, फिर उनसे अनुबंध किया जाएगा। शिव महापुराण का अनुवाद साहित्यकार गीता शर्मा और शिव कार्तिक महात्म्य का अनुवाद साहित्यकार गिरजा शर्मा रही हैं। काम लगभग पूरा हो चुका है।

आयोग ने बीते वर्ष फैसला लिया था कि प्रत्येक वर्ष 2 धार्मिक ग्रंथ का अनुवाद होगा या फिर किताबें प्रकाशित की जाएंगी। इनका विमोचन छत्तीसगढ़ के साहित्यकारों को समर्पित होगा। 5वां प्रांतीय सम्मेलन पूर्व सांसद एवं संत कवि पवन दीवान को समर्पित होने जा रहा है। बता दें कि यह सारी कवायद छत्तीसगढ़ी भाषा को 8वीं अनुसूचि में शामिल करवाने की है।

अब तक इन ग्रंथों का हो चुका प्रकाशन- निषाद उपनिषद, शब्द सागर के साथ-साथ कई किताबें, साहित्य, काव्यों का प्रकाशन हो चुका है।

राजभाषा आयोग शिव महापुराण, शिव कार्तिक महात्म्य की एक-एक हजार प्रतियां प्रकाशित करवा रहा है। इनकी बिक्री नहीं होगी, बल्कि ये आयोग कार्यालय से ही उन लोगों को प्रदान की जाएंगी, जो धार्मिक ग्रंथों का महत्व समझते हैं। आयोग इसका चयन अपने पैमाने पर करेगा।

आयोग ने डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा रचित भारतीय संविधान को छत्तीसगढ़ी में अनुवाद करवाने का निर्णय भी लिया है, हालांकि इसमें लंबा वक्त लगेगा। क्योंकि जटिलता बहुत है। अगर यह प्रयास सफल हो जाता है तो आयोग और छत्तीसगढ़ सरकार, भारत सरकार के समक्ष छत्तीसगढ़ी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने की दावेदारी प्रमुखता से कर सकती, पक्ष रख सकती है।

छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग  के अध्यक्ष सुरेंद्र दुबे ने बताया छत्तीसगढ़ी को 8वीं अनुसूची में स्थान दिलाना है। अगर हम भारतीय संविधान का छत्तीसगढ़ी में अनुवाद करवाने में सफल होते हैं तो बड़ी उपलब्धि होगी। जब साहित्य समृद्ध होता है तो भाषा भी समृद्ध होती है।