आतंकवादियों के फरार होने से लेकर एनकाउंटर तक की प्रक्रिया पर मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने उठाये सवाल।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने दीपावली की बीती रात राजधानी भोपाल की केंद्रीय जेल से एक जेल प्रहरी की हत्या के बाद फरार हुए सिमी आतंकवादियों की नियोजित फरारी, फरारी के बाद उनके 8 से 9 घण्टे तक भोपाल के समीप रहने, उन आठो आतंकवादियों के हुए एनकाउंटर और उनके पास आधुनिकतम हथियारों की मौजूदगी को लेकर भोपाल आई जी के कथन पर सवाल उठाये है।
उन्होंने आतंकियों को लेकर अपनी पार्टी के रुख को भी स्पष्ट करते हुए कहा है कि आतंकी किसी धर्म, वर्ग, जाति अथवा समाज* का नही होता है। लिहाजा, उसके विरुद्ध कांग्रेस सख्त से सख्त कार्यवाही की पक्षधर थी है और रहेगी।
श्री यादव ने कहा जब केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर पूरे देश में हाई अलर्ट रखे जाने की बात कही गयी थी, जिसमे दीपावली पर्व को लेकर स्पष्ट निर्देश थे तब मध्यप्रदेश ने उन निर्देशों की अनदेखी क्यों, किसलिए और किसके निर्देश पर की?
उन्होंने जेल मैन्युअल के अनुसार किसी भी जेल में 8 से अधिक दुर्दांत अपराधियो को नही रखा जाना चाहिए, तो राजधानी की जेल में एक साथ 35 आतंकियों को क्यों रखा गया?
यादव ने सवाल उठाया कि कुछ वर्षों पूर्व सिमी आतंकवादियों के खंडवा जेल से फरार हो जाने की घटना से भी सरकार ने सबक क्यों नही लिया?हाई अलर्ट के दौरान 35 आतंकियों को रखे जाने वाली जेल की सुरक्षा मात्र 2 सिपाहियों के भरोसे क्यों, कैसे और किसलिए रखी गयी?
उन्होंने कहा जेल से फरार होने के बाद आतंकियों ने 8 से 9 घण्टे तक भोपाल के ही नजदीक रहने का निश्चय क्यों किया? प्रदेश की सीमा से बाहर भागने के लिए 8 से 9 घण्टे पूर्णतः पर्याप्त होते है ! इस लम्बी अवधि में उन्हें आधुनिकतम हथियार कहा से और किससे प्राप्त हुए, आईजी भोपाल का यह बयान कई रहस्य और आशंकाओं को जन्म दे रहा है?
यादव ने कहा इस घटना और गहरे षड्यंत्र के नेपथ्य में कौन कौन सी आंतरिक शक्तियां शामिल है, इसमें सरकार, जेल प्रशासन और अन्य विभागीय अकर्यमन्यताओ, असफलताओं और लापरवाही को मुख्यमंत्री कितना जिम्मेदार मानते है? यदि वे इस बाबत सकारात्मक ख्याल रखते है तो इन परिस्थितियों में आतंकियों के आंतरिक सहयोगियों के खिलाफ सर्जीकल स्ट्राइक की जिम्मेदारी कौन वहन करेगा?