मुख्यसचिव की कुर्सी पर बसंत प्रताप सिंह काबिज
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भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी श्री बसंत प्रताप सिंह (आय.ए.एस.1984 बैच) ने मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव पद का कार्यभार विधिवत ग्रहण किया। श्री सिंह ने मुख्य सचिव कार्यालय के अधिकारियों-कर्मचारियों से परिचय भी प्राप्त किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव (समन्वय) मुख्य सचिव कार्यालय  सतीश मिश्र, प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन  एम.के.वार्ष्णेय, सचिव (कार्मिक) सामान्य प्रशासन  रश्मि अरूण शमी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव  सिंह से अनेक अधिकारियों, कर्मचारियों और कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने भेंट की और उन्हें नए दायित्व के लिए बधाई दी।

नए मुख्य सचिव बीपी सिंह ने कहा कि प्रदेश में ब्यूरोक्रेसी हावी नहीं है। मप्र बीमारू राज्य से बाहर निकला है। राजनेताओं, अधिकारियों, कर्मचारियों के कंधे से कंधे मिलने की वजह से प्रदेश का विकास हुआ है। फिर भी कभी ब्यूरोक्रेसी के स्थिति हावी होने की बनती है तो शासन अपने स्तर पर कार्रवाई करता है।  मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सीएस बनने के लिए मैंने कभी सोचा भी नहीं था और न ही मुझे इसका पता था। अगर मुझे तनिक भी आभास होता तो अपनी कार्यपद्धति में कुछ और परिवर्तन करता। प्रदेश जिस दिशा में जा रहा है, वह सर्वश्रेष्ठ है। विकास के मामले में गति में और तेजी लाना है। कलेक्टर-कमिश्नर कांफ्रेंस में सीएम ने जो 11 एजेंडे तय किए हैं, उन्हें पूरा कराना भी प्राथमिकता में है। कानून व्यवस्था में और बेहतर सुधार पर भी जोर देंगे।

सिंह का कहना है कि मेरा गांव मेरे अंदर बसता है। कोई भी गांव से चलकर शहर की ओर आया है। जो ज्यादा समय शहर में रहा है, उसका शहरीकरण हो रहा है। मैं गांव से आया हूं, इसलिए वहां के बारे में सोचता हूं। जब खाली समय पाता हूं तो गांव की तरक्की के बारे में सोचता रहा हूं। प्रदेश सरकार की ग्रामीणों से संबंधित जितनी भी योजनाएं हैं, उनको क्रियान्वित करना मेरी प्राथमिकता होगी। सीएम शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुसार योजनाओं को क्रियान्वित करेंगे और मानीटरिंग करेंगे।