रीक्रिएशन में चालीस सेकेंड में जवान फांद गया दीवार
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्य सचिव बीपी सिंह ने आज भोपाल जेल पहुंच कर उन स्थानों का दौरा किया जहां से सिमी आतंकी फरार हुए थे। इस दौरान घटना का रीक्रियेशन भी किया गया, जिसमें जेल का एक जवान महज 40 सेकेंड में ऊंची दीवार पर चढ़ गया। गौरतलब है कि आतंकियों के फरार होने के बाद से यह सवाल बना हुआ है कि आखिर आतंकी इतनी ऊंची दीवार कैसे फांद गए। दूसरी ओर खबर है कि जेल में सुरक्षा संबंधी खामियों के चलते जेल से आईएसओ का दर्जा छिन सकता है। ये केंद्रीय जेल प्रदेश की पहली आईएसओ दर्जा प्राप्त है। केंद्रीय जांच एजेंसियों की पड़ताल होने के बाद आईएसओ की टीम निरीक्षण करने के लिए जेल आएगी। निरीक्षण के बाद तय किया जाएगा कि जेल से आईएसओ का दर्जा छीना जाए या नहीं। जेल सूत्रों की माने तो पहले भी जेल के अंदर खामियों को देखते हुए आईएसओ टीम दर्जा देने के लिए एकमत नहीं थी। बाद में आईएसओ का दर्जा देने पर सहमति बनी। कुछ महीने पहले ही जेल को फिर आईएसओ का दर्जा मिला था।
सिमी आतंकवादियों द्वारा जेल ब्रेक की जांच के लिये नियुक्त किए गए पूर्व पुलिस महानिदेशक नदंन दुबे ने जांच आरंभ कर दी है। उन्होंने आज जेल पहुंचकर अधिकारियों से वन टू वन चर्चा की है।जांच के बिन्दुओं में सेन्ट्रल जेल में घटित घटना के कारण एवं उनकी समग्र जांच, सेन्ट्रल जेल में सुरक्षा के स्वीकृत मापदंड, उनका क्रियान्वयन एवं पर्याप्तता का परीक्षण, जेल ब्रेक की घटना के लिये पूर्व एवं वर्तमान अधिकारियों एवं कर्मचारियों के उत्तरदायित्व का निर्धारण शामिल है। भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के उपाय तथा ऐसे अन्य विषय, जो जांच के अधीन मामले में आवश्यक हो, भी शामिल किये गये हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुख्य सचिव बीपी सिंह के साथ केंद्रीय जेल भोपाल पहुंचे और वहां बैरकों की स्थिति और जेल की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने जेल अधिकारियों से कहा कि जेल में सुरक्षा संबंधी जिन कार्यों की जरूरत है आप प्रस्ताव बनाकर भेजिए उन्हें तुरंत मंजूर किया जाएगा। उन्होंने उस बैरक को भी देखा जहां आतंकियों ने रमाकांत यादव की हत्या की थी।
विश्वस्त सूत्रों ने बताया है कि भोपाल जेल ब्रेक कांड में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा एनआईए से जांच कराए जाने की घोषणा पर असमंजस बरकरार है। सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि अभी तक एनआईए जाचं के लिए प्रस्ताव ही नहीं भेजा गया है। इस पर पुनर्विचार किया जा रहा है।
मध्यप्रदेश की जेलों में बंद खूंखार कैदियों को लेकर जेल विभाग ने पुराने आदेश का सख्ती से पालन करने के आदेश दिए हैं। यानि अब कोई भी खूंखार कैदी किसी भी जेल में लगातार 90 दिन से ज्यादा नहीं रह सकेगा। सूत्रों की माने तो डीजी जेल संजय चौधरी ने चार्ज लेते ही इसकी समीक्षा की। जिसमें उन्होंने पाया कि इस नियम का पालन गंभीरता से नहीं हो रहा है। उन्होंने इस संबंध में आदेश सभी जेलों को निर्देश जारी किए हैं। बताया जाता है कि प्रदेश के जेलों में सैकड़ों की संख्या में खूंखार बंदी है। कई बार ये बंदी लोकल कनेक्शन और जेल कर्मचारियों से भी मिली भगत कर सुख सविधाएं प्राप्त कर लेते है। इसे रोकने के लिए अब 90 दिन में खूंखार कैदी को एक जेल से दूसरे जेल में शिफ्ट करना होगा। इस आदेश की हर माह जेल मुख्यायल द्वारा समीक्षा भी की जाएगी।
डीजी जेल संजय चौधरी ने बताया जेल की सुरक्षा को मजबूत करने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसलिए इस आदेश को गंभीरता से लागू करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यालय भी इसकी लगातार समीक्षा करेगा।