छत्तीसगढ़ राज्योत्सव के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बस्तर आईजी एसआरपी कल्लूरी की मुलाकात सुर्ख़ियों में है । कल्लूरी ने राज्योत्सव स्थल पर मोदी का स्वागत किया। इस अवसर पर जब मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को कल्लूरी का परिचय दिया तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा इन्हें तो मैं पहले से जानता हूं। जब चुनाव प्रचार पर सरगुजा आता था तो यही मुझे रिसीव किया करते थे।
कल्लूरी ने इस पर कहा कि सर अगले चुनाव से पहले नक्सलवाद खत्म हो जाएगा। इस पर पीएम ने कहा-गुड। मोदी की कल्लूरी से हुई यह मुलाकात सोशल मीडिया पर छाई हुई है। कल्लूरी समर्थक इसे बड़ी उपलब्धि मान रहे तो विरोधी कह रहे पीएम ने पद की गरिमा तार-तार कर दी है।
जानकारी के मुताबिक पहले पीएम से आईजी कल्लूरी की मुलाकात तय नहीं थी। 31 अक्टूबर की रात सरकार के रणनीतिकारों ने तय किया कि चूंकि पहली बार बस्तर में नक्सली बैकफुट पर हैं इसलिए आईजी से पीएम की मुलाकात कराना चाहिए। ताड़मेटला कांड में सीबीआई की चार्जशीट के बाद से कल्लूरी विपक्ष के निशाने पर हैं। ऐसे में सरकार ने तय किया कि इस बहाने यह संदेश दिया जाए कि सरकार कल्लूरी के साथ खड़ी है।
इसके बाद स्वागत करने वालों की सूची पीएमओ भेजी गई। वहां से सूची फाइनल होने में रात 11 बज गए। 11.30 बजे प्रमुख सचिव गृह बीवीआर सुब्रमण्यम ने कल्लूरी को फोन किया और तत्काल रवाना होने को कहा। कल्लूरी रात 12 बजे रवाना हुए और सुबह तय समय पर राज्योत्सव स्थल पर पहुंच गए। उन्हें स्वागत करने वालों की कतार में सबसे पहले रखा गया था। पीएम मोदी जैसे ही बीएमडब्ल्यू कार से नीचे उतरे सबसे पहले कल्लूरी का ही उनसे परिचय कराया गया। इससे यह भी साफ हो गया है कि फिलहाल कल्लूरी को हटाने के मूड में सरकार नहीं है।
पीएम से हाथ मिलाते कल्लूरी की तस्वीर सोशल मीडिया में छाई रही। पक्ष में जगदलपुर से कल्लूरी समर्थक किशोर पारख ने फेसबुक पर लिखा बस्तर से नक्सलियों का सफाया तय। केंद्र और राज्य दोनों प्रतिबद्ध हैं हैं। दिल्ली के पत्रकार राहुल पंडित और बस्तर के आदिवासी पत्रकार मंगल कुंजाम ने भी तस्वीर शेयर की है और जो तथ्य हैं उसे रखा है, न आलोचना न प्रशंसा।