राजेन्द्र जायसवाल
दीपावली का त्यौहार मनाने के तुरंत बाद भाजपा और उसके संगठनों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने रायपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम में शिरकत की। इसी बहाने भाजपाईयों ने सफारी में पहुंचकर जंगल के नजारे का सुखद आनंद उठाया और जानवरों से रूबरू हुए।
कांग्रेसी जेल गए
दीवाली के बाद कांग्रेसियों ने धान खरीदी, बोनस और तमाम मुद्दों पर सरकार का विरोध चारों विधानसभा क्षेत्र में पुरजोर तरीके से किया। कांग्रेसियों ने सरकार को कोसने के बाद जेल भरने में दम दिखाया और हजारों की संख्या में अस्थायी जेल को खचाखच भर दिया। बाद में सभी रिहा कर दिये गये। नेताओं की अगुवाई में जेल जाकर बाहर निकले कार्यकर्ताओं में संतुष्टी के भाव साफ झलक रहे थे।
पहला कदम जेल में, खान साहब खुश
करीब 40 साल तक पुलिस में नौकरी करते कई लोगों को जेल भेजने वाले रिटायर्ड मकबूल खान ने राज्य स्थापना दिवस के दिन कांग्रेस के जेल भरो आंदोलन से अपने राजनीतिक जीवन की दूसरी पारी शुरू की। सपा छोड़कर कांग्रेस में आये खान साहब को पहला ही दिन जेल में कदम रखकर आगे बढ़ाना पड़ा। वैसे तो इस बात का उन्हें मलाल जरूर हुआ, लेकिन जब अनुभवी लोगों ने उन्हें समझाया कि राजनीति में आकर और पहले दिन ही जेल जाना बड़ा शुभ संकेत और बड़े राजनैतिज्ञ होने की ओर इशारा करता है, तो यह जानकारी खान साहब काफी खुश हुए कि चलो बोहनी अच्छी हो गई।
अगली दीवाली की भी बधाई
तीज-त्यौहारों पर बधाई देने में नहीं चूकने वाले पक्ष-विपक्ष की नेताओं ने एक ही टिकट पर कई फिल्में देखने की तर्ज पर मल्टीपरपज बैनर-पोस्टर, फ्लैक्स छपवाकर अनेकानेक त्यौहारों की बधाई दे डाली। आलम यह है कि इन पोस्टरों की बदौलत ये नेतागण अगली दीवाली की भी बधाई दे डाले।
चायनीज पटाखे और लाइट भी
ऐन त्यौहार के मौके पर चाइना से ठनी रार की वजह से चायनीज लाईट और पटाखों की बिक्री पर दिल्ली से रोक लगाने के फरमान तो जारी हो गए और रायपुर होते निर्देश जिला पहुंचने पर अमल शुरू किया गया। दशहरा में तो चाइनीज हैलोजन तलाश लिये किन्तु दिपावली आते-आते यह ठंडा पड़ गया। त्यौहार की खुमारी और व्यस्तताओं में ऐसे उलझे कि मनाही के पहले से पटाखों का भंडारण कर चुके व्यवसायियों ने अपना नुकसान बचाने चकमा दे ही दिया। दीवाली और इसके पहले व बाद की रात में चाइनीज पटाखों का शोर गूंजता रहा।
चाईना सेल ने दिखाई दरियादिली
चाईना निर्मित सामानों की बिक्री व स्वदेशी को प्रोत्साहित करने जिले के लोगों ने अपनी-अपनी तरह से काम किया। इससे भी एक कदम बढ़कर चाईना सेल के नाम से दुकानदारी चमका चुके स्थानीय प्रबंधक ने कुछ ऐसी दरियादिली दिखाई की सामान तो भले चायनीज बेचते रहे, लेकिन बाहर बोर्ड में चाईना महासेल की जगह इंडिया महासेल लिखवा दिया।
अब भक्त चाईनीज खाने से करें बहिष्कार
चाईना सामानों के बहिष्कार के मुद्दे पर हो-हल्ला मचाने, जगह-जगह प्रदर्शन और पुतला दहन कर ज्ञापन सौंपकर देशभक्ति का जब्जा तो खूब दिखाया गया। इनमें से ही ऐसे कई देशभक्त हैं तो खाने-पीने में चाईना का सामान काफी पसंद करते हैं। इन देशभक्तों को चाईना सामनों के साथ-साथ चाईना की देन रहे खान पान की वस्तुओं, चाइनीज फूड का भी बहिष्कार करना चाहिए।
अंत में❗
अक्सर खाकी वर्दी धारक पुलिस के बारे में यही मानसिकता रहती है कि वे कभी किसी के नहीं होते, लेकिन ऐसी धारणाओं को बदलने का काम इन दिनों जिले में संगवारी पुलिस बखूबी करती दिख रही है। बालको में रहे तेज तर्रार टीआई विवेक शर्मा ने गरीब बच्चों के लिए बीपीएम से शिक्षा की रौशनी बिखेरी और कटघोरा में भी इसे प्रारंभ किया। अब एक और बालको टीआई यदुमणी सिदार पुलिस का कर्तव्य निभाने के साथ मानवता का धर्म भी निभाकर परिजनों से बिछड़ चुके विक्षिप्तों की सूरत बदलकर परिवार से मिला रहे हैं। इस दीवाली पहली बार गरीबों के बच्चों में पुलिस ने कपड़े, मिठाई, पटाखे और सामान बांटे। ऐसा ही चलता रहा तो संभवत: अपराधियों का ह्दय परिवर्तन कर पाने में भी संगवारी को सफलता मिल सकती है।
अफवाह यह भी
अब यह अफवाह कौन फैला रहा है कि छजकां नेता शंकर रजक जल्द ही सीएम से नजदीकियां बढ़ाकर भाजपा ज्वाईन करने वाले हैं।
एक सवाल आपसे ❓
बालको में वह कौन श्रमिक नेता है जिस पर प्रबंधन खासा मेहरबान है और दूसरे श्रम संगठन उसके खिलाफ लामबंदी करने एकजुट हो रहे हैं?