छत्तीसगढ़ के शहरों में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए अब इलेक्ट्रिक रिक्शा चलेंगे। इसके लिए शीघ्र ही कार्ययोजना तैयार की जाएगी। मुख्य सचिव विवेक ढांड की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रालय में मुख्यमंत्री ई-रिक्शा सहायता योजना के तहत गठित राज्यस्तरीय समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बैठक में प्रदूषण नियंत्रण के लिए शहरों में ईलेक्ट्रिक रिक्शा प्रबंध किए जाने के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने बैठक में कहा कि शहरों में प्रदूषण के नियंत्रण के लिए यह एक अच्छी योजना होगी। इससे ऑटो चालकों को ई-रिक्शा के रूप में बेहतर वाहन संचालन के साथ-साथ नागरिकों को आवागमन के लिए अच्छी सुविधा उपलब्ध होगी।
ढांड ने श्रम विभाग सहित नगरीय प्रशासन और परिवहन विभाग को आपसी समन्वय से ई-रिक्शा के संचालन के लिए शीघ्र कार्ययोजना बनाने कहा। उन्होंने योजना के तहत रिक्शा चालक हितग्राहियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए शासन की ओर से ई-रिक्शा में सब्सिडी (अनुदान) रखने के लिए भी निर्देशित किया। योजना का संचालन श्रम विभाग के माध्यम से किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने शहरों में वर्तमान में संचालित हो रहे डीजल ऑटो वाहनों की जगह ई-रिक्शा के संचालन के लिए अधिक से अधिक प्रोत्साहन देने के संबंध में भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में लगभग सात साल या इससे अधिक अवधि वाले पुराने ऑटो के स्थान पर ई-ऑटो के संचालन के बारे में निर्णय लिया गया। इसके लिए परिवहन विभाग को आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया।
बैठक में प्रमुख सचिव अमन सिंह, आरपी मंडल व बीवीआर सुब्रमणयम, सचिव संजय शुक्ला, अरुण देव गौतम, विशेष सचिव डॉ. रोहित यादव व वीके छबलानी, श्रमायुक्त अविनाश चम्पावत, नगरीय प्रशासन संचालक निरंजनदास, रायपुर नगर निगम कमिश्नर रजत बंसल भी मौजूद थे।