जगदलपुर में दरभा के ग्राम नामा में शुक्रवार की रात सौ से अधिक संख्या में पहुंचे वर्दीधारी हथियारबंद नक्सलियों ने टंगिया ग्रुप के लीडर सामनाथ बघेल की धारदार हथियारों से नृशंस हत्या कर दी। इस घटना से उत्तेजित ग्रामीण शनिवार को फोर्स के साथ जंगल में घुस गए। उन्होंने तीन संदेहियों को पकड़कर पुलिस के हवाले किया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। एक दिन पहले ही सामनाथ को पुत्ररत्न की प्राप्ति हुई थी, जिससे उसके घर में खुशी का माहौल था। इस घटना से खुशियां मातम में बदल गईं।सामनाथ को श्रध्दांजलि देने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी पहुंचे।
मिली जानकारी के अनुसार त्योहार के चलते बीते कुछ दिन से टंगिया ग्रुप के कई सदस्य रिश्तेदारी में गए हैं। इस बीच गांव में गश्त भी बंद है। नक्सलियों ने इसका फायदा उठाया और शुक्रवार रात करीब नौ बजे नामा में आ धमके। उन्होंने सामनाथ के घर का दरवाजा खटखटाया। दरवाजा नहीं खोलने पर नक्सलियों ने उसे तोड़ दिया और भीतर घुसकर सामनाथ को घसीटते हुए बाहर निकाला। इसके बाद धारदार हथियारों से उसकी हत्या कर भाग गए।
घटना की सूचना मिलने पर शनिवार को दरभा से सीआरपीएफ, डीआरजी समेत एसटीएफ के जवान काफी संख्या में मौके पर पहुंचे। इस बीच अपने लीडर की हत्या से उत्तेजित ग्रामीण भी फोर्स के साथ जंगल में घुस गए। ग्राम कुमाकोलेंग के सरहदी नदी के पार, पहाड़ी एवं जंगल में देर शाम तक सर्चिंग चलती रही। इस दौरान ग्रामीणों ने तीन नक्सल संदेहियों को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया।
बताया जा रहा है कि तीनों के तार सामनाथ की हत्या से जुड़े हैं। इस वारदात के बाद भी आसपास के करीब आधा दर्जन गांवों के युवाओं ने किसी भी हालत में रात्रि गश्त जारी रखने का संकल्प लिया है। उल्लेखनीय है कि नामा गांव से तीन किलोमीटर आगे स्थित ग्राम कुमाकोलेंग में नक्सल दहशत के चलते नब्बे फीसदी ग्रामीण गांव छोड़ रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं।
सुकमा जिले के तोंगपाल थाना से 19 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम कुमाकोलेंग एवं नामा के युवकों ने मिलकर एक साल पहले टंगिया ग्रुप का गठन किया था। इसके सदस्य रात्रि में टंगिया लेकर गांव में गश्त करते थे। इसके चलते नक्सल सक्रियता कम हो गई थी। सामनाथ ग्रुप के संस्थापक सदस्यों में एक था।