नोटबंदी ने बड़ों बड़ों को लाइन में लगा दिया। 1980 क्र दशक में चम्बल के बीहड़ों को अपनी गोलियों से गरजाने वाले आत्मसमर्पित डकैत मलखान सिंह भी ग्वालियर के महाराज बाड़ा ब्रांच में अपने खर्चे के लिए नोट बदलवाने आये और लोगों से जमकर बतियाये।
1983 तक डाकू मलखान सिंह पर 185 हत्या 1112 डकैती के केस दर्ज थे। 1983 में भिंड मध्यप्रदेश में आत्म समर्पण के बाद सामान्य जीवन जी रहे हैं समर्पण से पूर्व भरतपुर संभाग में भी इसके आतंक का खौफ होता था। आज रुपए बदलवाने हेतु ग्वालियर की SBI बैंक में लाईन में खड़े हो कर अपनी बारी का इंतजार किया।