मुख्यमंत्री ने “नमामि देवि नर्मदे” यात्रा के प्रभारियों से कार्य-योजना पर की चर्चा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहाँ निवास पर “नमामि देवि नर्मदे” यात्रा के प्रभारियों की बैठक को संबोधित करते हुए यात्रा की रूपरेखा और कार्य-योजना प्रस्तुत की। श्री चौहान ने जिला, विकासखंड और गाँव स्तर पर नर्मदा सेवा समितियाँ बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इन समितियों में सेवाभावी लोगों को जोड़ा जायेगा।
मुख्यमंत्री ने यात्रा के उददेश्यों और रूपरेखा की चर्चा करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य मध्यप्रदेश को जीवन देने वाली नर्मदा नदी का संरक्षण करना, उसकी सफाई करना और नर्मदा को जीवन देने वाले वृक्षों का रोपण करना है। उन्होंने कहा कि वनों की कमी से नर्मदा नदी की जलराशि भी प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि किसानों को फलदार वृक्षारोपण के लिये प्रेरित किया जायेगा।
श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा नदी के किनारों पर घाटों की सफाई की जायेगी। लोगों को नदी संरक्षण, पर्यावरण की रक्षा और नशामुक्ति के लिये संकल्प दिलाया जायेगा। श्री चौहान ने कहा कि समाज के हर वर्ग और हर सदस्य को इस यात्रा से जोड़ा जायेगा। यात्रा को आनंदमयी बनाते हुए उत्साहपूर्वक भागीदारी करने के लिये भजन मंडलियों को शामिल किया जायेगा। नर्मदा जी को समर्पित सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जायेंगे। यात्रा के हर दिन यात्री कम से कम पाँच पौधों का रोपण करेंगे और इसकी देखभाल की जिम्मेदारी भी तय की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने नमामि देवी नर्मदे यात्रा के ध्वज का आकल्पन करने के निर्देश दिये। यह ध्वज यात्रा जारी रखने वालों को स्थानांतरित किया जायेगा। जो गाँव या शहर यात्रा के मार्ग में नहीं आते वहाँ से इस यात्रा में शामिल होने उपयात्राएँ आरंभ की जायेंगी। इनके माध्यम से नदी संरक्षण का संदेश दिया जायेगा। यात्रा एक दिन में 15 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। रात्रि विश्राम वाले स्थलों पर नर्मदा जी की आरती होगी और स्थानीय कलाकारों द्वारा भजन संध्या का आयोजन किया जायेगा।
बैठक में वन मंत्री डा. गौरीशंकर शेजवार, म.प्र. खनिज विकास निगम के अध्यक्ष शिव चौबे, जन-अभियान परिषद के उपाध्यक्ष प्रदीप पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव वन दीपक खांडेकर, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री अशोक वर्णवाल और सचिव हरिरंजन राव उपस्थित थे।