मैहर बीजेपी की तैयारी ने उड़ाए कांग्रेस के होश
मैहर बीजेपी की तैयारी ने उड़ाए कांग्रेस के होश
प्रदेश चुनाव के इतिहास में पहली बार बसपा प्रत्याशी उतारकर हाथ आजमा रही हैं चुनावी इतिहास में पहली बार बहुजन समाज पार्टी द्वारा मैहर में अपना प्रत्याशी उतारने के बाद मैहर का चुनावी रण बेहद दिलचस्प हो गया है। बसपा से कांगे्रस की परेशानी बढ़ती नजर आ रही हैं तो समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रामनिवास उरमलिया भाजपा के लिए मुसीबत बन सकते हैं। बदली हुई परिस्थितियों में कांगे्रस एक बार फिर अपने प्रत्याशी पर विचार मंथन में जुट गई है। उपचुनावों में बसपा अब तक अपना प्रत्याशी नहीं उतारती थी पर इस बार उसने मैहर सीट से लगे रामपुर बघेलान के पूर्व विधायक रामलखन सिंह पटेल को मैदान में उतार दिया है। पटेल के मैदान में उतारने से कांग्रेस के समीकरण गड़बड़ा गए हैं। रामलखन पटेल बसपा से दो बार विधायक रह चुके हैं। इस बार बसपा ने मैहर ने उन पर दांव लगाया है। रामलखन के मैदान में आने के बाद मैहर में चुनावी मुकाबला चार कोणीय हो गया है। सूत्रों की मानी जाए तो प्रदेश बसपा संगठन और कांग्रेस में बातचीत चल रही थी, जिसमें यह माना जा रहा था कि बसपा इस उपचुनाव में भी अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। कांग्रेस से बातचीत का दौर चल ही रहा था कि इस बीच बसपा ने पटेल उम्मीदवार उतार कर कांग्रेस को जोरदार झटका दे दिया है।इधर बसपा की दावेदारी से भाजपा को सीधे तौर पर अपना फायदा देख रही है पर सपा से प्रत्याशी रामनिवास उरमलिया उसकी राह में कांटे बिछा रहे हैं। रामनिवास पूर्व में भाजपा से जुड़े रहे हैं। वे क्षेत्र के एक सांसद के निकटवर्ती लोगों में गिने जाते थे। उनकी पत्नी दो बार से जिला पंचायत सदस्य हैं और पिछले दिनों हुए जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में उन्होंने भाजपा का साथ दिया था। सपा को मिलने वाले वोट भाजपा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। भाजपा की दिक्कत यह भी है कि वह नारायण त्रिपाठी को मैदान में उतारने का मन तो बना चुकी है पर उन्हें लेकर क्षेत्र के नेता अभी भी एकमत नहीं हो पा रहे हैं। स्थानीय नेताओं को भरोसे में लेना उसे यहां सबसे बड़ी चुनौती है।बसपा के रामलखन सिंह के चुनाव मैदान में उतरने के पीछे भाजपा का गेम प्लान माना जा रहा है। बसपा के प्रदेश प्रभारी राजाराम पिछले तीन दिनों से भोपाल में डेरा जमाए हुए थे। प्रदेश इकाई उनसे मैहर में पिछली दफा मिले बेहतर मतों का हवाला देते हुए उप चुनाव में प्रत्याशी उतारने की मांग कर रही थी। बताया जाता है कि बसपा का प्रत्याशी मैदान में उतरे इसके लिए भाजपा के कुछ नेता भी सक्रिय थे। इसमें उनकी भी सक्रिय भूमिका मानी जा रही है।मनीष पटेल की उम्मीदवार पर संशयबसपा के कुर्मी उम्मीदवार उतारे जाने के बाद कांग्रेस भी अपने दावेदारों को लेकर फिर से विचार कर रही है। कांग्रेस यहां से मनीष पटेल की उम्मीदवार बनाने का मन बना चुकी है। भोपाल से लेकर दिल्ली तक मनीष पटेल के नाम की सहमति बन चुकी है। मनीष पटेल भी कुर्मी समाज से आते हैं, रामलखन सिंह पटेल का भी समाज में खासा असर है। वे मैहर से सटे रामपुर बघेलान सीट से विधायक रह चुके हैं। कांग्रेस यहां से एक अन्य दावेदार के भी सम्पर्क में आ गई है।