औद्योगिक इकाइयों को दी जा रही है वित्तीय सहायता
मध्यप्रदेश में एम.पी. ट्रायफेक सिंगल विण्डो प्रणाली के जरिये प्रदेश में लगने वाली वृहद औद्योगिक इकाइयों को उद्योग संवर्धन नीति में विभिन्न प्रकार की वित्तीय सहायता और सुविधा प्रदान कर रहा है। इसमें वैट और सीएसटी प्रतिपूर्ति, प्रवेश कर छूट सुविधा, टेक्सटाईल परियोजना में विशेष पैकेज ब्याज अनुदान सुविधा, अधोसंरचना विकास व्यय प्रतिपूर्ति, हरित औद्योगिकरण अन्तर्गत ईटीपी और एसटीपी निवेश पर अनुदान योजना शामिल है।
उद्योग संवर्धन नीति में वैट एवं सीएसटी प्रतिपूर्ति के रूप में प्रदेश की 162 औद्योगिक इकाइयों को 1220 करोड़ 31 लाख रुपये की सहायता उपलब्ध करवाई गई। टेक्सटाईल परियोजना में विशेष पैकेज में ब्याज अनुदान में 20 वृहद टेक्सटाईल इकाइयों को 470 करोड़ 20 लाख रुपये की सहायता दी गई है। वृहद औद्योगिक इकाइयों के 91 प्रकरण में प्रवेश कर छूट संबंधी पात्रता प्रमाण-पत्र जारी किये गये हैं। 70 औद्योगिक इकाइयों को सैद्धांतिक स्वीकृति पत्र जारी किये गये हैं।
प्रदेश में लगने वाली 6 वृहद औद्योगिक इकाइ को अधोसंरचना विकास व्यय प्रतिपूर्ति के रूप में 6 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध करवाई गई है। हरित औद्योगिकरण में निवेश पर अनुदान योजना में इकाइयों को 25 लाख रुपये की सहायता दी गई है। बीना की भारत ओमान रिफायनरी को उनके द्वारा जमा किये गये मूल सवंर्धित कर के विरुद्ध ब्याज रहित ऋण राशि के रूप में हर साल 250 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है। अब तक भारत ओमान रिफायनरी को 1280 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है।
प्रदेश में आने वाले निवेश प्रस्ताव पर कस्टमाईज्ड पैकेज देने के लिये मंत्रि-परिषद समिति का गठन भी किया गया है। उद्योग सवंर्धन नीति-2014 के अन्तर्गत सुविधाओं का लाभ देने के लिये एकीकृत आवेदन पत्र की व्यवस्था की गई है। सुविधाओं का लाभ प्राप्त करने के लिये विभागीय प्रक्रियाओं को सरलीकृत किया गया है। अधिकांश प्रकार की सेवाओं के लिये वाणिज्य उद्योग विभाग में ऑनलाइन व्यवस्था की गई है।