रायपुर पुलिस की वर्दी में होगा बॉडीवार्न कैमरा
body varn camera
 
रायपुर की ट्रैफिक पुलिस आने वाले समय में लंदन के बॉडीवार्न कैमरे से वाहन चालकों की गतिविधियों पर निगाह रखेगी। यह कैमरा लंदन की एक कंपनी ने बनाया है। आए दिन पुलिस कर्मियों से चेकिंग के दौरान कुछ वाहन चालक उलझ जाते हैं।
पुलिस भी ज्यादती करने से बाज नहीं आती। दुर्व्यव्यहार और मारपीट की घटनाओं को ध्यान में रखकर इस अत्याधुनिक कैमरे का उपयोग करने का फैसला लिया है। हालांकि अभी ट्रायल के रूप में चार बॉडीवार्न कैमरे तथा लाइटिंग सिस्टम एक स्थानीय फर्म से लिया गया है। पिछले दो-दिन से से इसका इस्तेमाल भी ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी अलग-अलग चौराहों पर कर रहे हैं।
ट्रैफिक पुलिस का कोई जवान किसी वाहन चालक को रोकता है, उस दौरान जो भी हरकतें होंगी, जवान की वर्दी में सामने तरफ लगा बॉडीवार्न कैमरा उन्हें कैद कर लेगा। वहीं पुलिस के जवान भी चाहकर भी किसी भी वाहन चालक से अभद्र व्यव्यहार नहीं कर पाएंगे। कैमरे में कैद फुटेज के साथ ऑडियो-वीडियो की रिकॉर्डिंग होने से पुलिस कर्मियों पर जो आरोप लगते हैं, उसमें भी पारदर्शिता बनी रहेगी। बॉडीवार्न कैमरे की खासियत यह है कि इसमें रिकॉर्डिंग आडियो-वीडियों की एडिटिंग या छेड़छाड़ करना संभव नहीं होगा और यह स्टाल किए गए सॉफ्टवेयर में ही सेव होगा। कैमरे को अप-डाउन करके रिकॉर्डिंग की जा सकती है। एक फायदा यह भी है कि अफसर ऑनलाइन ही इसकी मॉनिटरिंग कर सकेंगे।
मप्र के उज्जैन में सिंहस्थ मेले के दौरान वहां की सुरक्षा के साथ यातायात व्यवस्था को संभालने के लिए देश व प्रदेशभर में पहली बार उज्जैन पुलिस प्रशासन ने बॉडीवार्न कैमरे का इस्तेमाल किया था, जो बेहद कारगर साबित हुआ है। अब इसे मप्र में सभी जिलों की भी पुलिस को देने का प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है।
उज्जैन के सिंहस्थल मेले में बॉडीवार्न कैमरा व लाइटिंग सिस्टम का सफल तरीके से इस्तेमाल के बाद मप्र के पूरे जिले की ट्रैफिक पुलिस को अत्याधुनिक कैमरा देने की कवायद चल रही है। फिलहाल राजस्थान, गुड़गांव, तेलंगाना, हैदराबाद, बैंग्लुरू पुलिस भी इसका इस्तेमाल कर रही है।
लंदन यूके की बॉडी वार्न कैमरा और लाइटिंग सिस्टम की सप्लाई करने वाले पचपेढ़ी नाका स्थित फर्म के संचालक राकेश बाफना ने बताया कि रायपुर पुलिस को सप्ताह भर ट्रायल करने के लिए कैमरा और लाइटिंग सिस्टम दिया गया है। यहीं नहीं, इसका इस्तेमाल कैसे करना है, इसका प्रशिक्षण भी जवानों को दिया जा चुका है। रात के समय अंधेरे में खड़े होकर जवान ड्यूटी करते है, ऐसे में आए दिन तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आकर घायल हो जाते हैं। ऐसे में वर्दी के साथ कंधे में लाइटिंग सिस्टम लटका होने से दूर से ही वाहन चालक को लाइट दिख जाएगा और संभावित हादसे को टल जाएगा।
एएसपी ट्रैफिक बलराम हिरवानी ने बताया -ट्रायल के लिए बॉडीवार्न कैमरा, लाइटिंग सिस्टम लिया गया है। अगर यह राजधानी में सफल होता है तो इसे खरीदने का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा जाएगा।