बस्तर आईजी एसआरपी कल्लूरी ने हार्ट अटैक से उबरते ही नक्सल ऑपरेशन की कमान थाम ली है। वे अस्पताल के बिस्तर से ही पुलिस अधीक्षकों के संपर्क में हैं और नक्सलियों के खिलाफ रणनीति बना रहे हैं। रविवार को उन्हें आईसीयू से जनरल रूम में शिफ्ट किया गया। उन्होंने बाहर निकलते ही बस्तर संभाग के कई पुलिस अधीक्षकों से बात की और दिशा-निर्देश दिए।
ज्ञात हो कि आईजी कल्लूरी को 24 नवंबर को दिल का दौरा पड़ा था। विशाखापटनम के केयर अस्पताल में कल्लूरी की बाईपास सर्जरी की गई। इसके बाद से वे हैदराबाद के डॉक्टरों की निगरानी में आईसीयू में थे। दो दिन पहले भी उन्होंने जगदलपुर के पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर अफसरों से हाल-चाल जाना था।
अब अस्पताल से ही वे नक्सल ऑपरेशन की रणनीति बनाने में जुट गए हैं। रविवार को उन्होंने जगदलपुर एसपी आरएन दास सहित कई अफसरों से बात की। नक्सल विरोधी अग्नि संस्था के सदस्यों से भी उन्होंने बात की।
बस्तर पुलिस दरभा तोंगपाल के ओडिशा से सटे तुलसी डोंगरी इलाके में बीएसएफ, स्थानीय पुलिस व ओडिशा पुलिस के साथ संयुक्त अभियान कर रही है। तुलसी डोंगरी को नक्सलियों की सुरक्षित पनाहगाह माना जाता है। इसी रास्ते से वे वारदात के बाद ओडिशा भागते रहे हैं। अब ओडिशा पुलिस से मिलकर पूरे इलाके को घेरा जा रहा है।
रविवार को दंतेवाड़ा, जगदलपुर और सुकमा पुलिस ने तीनों जिलों में नक्सल कमांडर देवा की तलाश में संयुक्त अभियान शुरू किया। तीनों जिलों की पुलिस संयुक्त टीम बनाकर दरभा, कटेकल्याण, तोंगपाल, गादीरास इलाके के जंगलों में नक्सल कैंप की तलाश कर रही है।
एसपी जगदलपुर आरएन दास ने कहा आईजी कल्लूरी अब स्वस्थ हैं। उन्हें आईसीयू से बाहर निकाला गया है। वे हमें अस्पताल से ही मार्गदर्शन दे रहे हैं। उनके पास काफी इनपुट आते रहते हैं। इसका लाभ नक्सल ऑपरेशन में मिल रहा है। रविवार को जंगलों में फोर्स रवाना की गई।