जनसम्पर्क से अनुपम राजन की रवानगी तय
एमबी ओझा हो सकते हैं नए आयुक्त शैफाली गुप्ता मध्यप्रदेश जनसम्पर्क के आयुक्त अनुपम राजन के कार्य से मुख्यसचिव एन्टोनी डिसा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह संतुष्ट नहीं हैं ,इसलिए जनसम्पर्क विभाग से राजन की रवानगी तय हो गई है। मुख्यमंत्री के करीबी विदिशा के कलेक्टर एम बी ओझा को जनसम्पर्क आयुक्त बनाने के बारे में विचार शुरू हो गया है। मध्यप्रदेश जनसम्पर्क विभाग में आयुक्त अनुपम राजन के खिलाफ माहौल बनने के बाद राजन खुद को जनसम्पर्क में अनफिट सा महसूस कर रहे हैं। वहीँ उन्होंने जनसम्पर्क में जो भी फैसले किये ,वह सरकार के लिए मुसीबत का सबब बने हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी जनसम्पर्क में अनुपम राजन की कार्यप्रणाली से संतुष्ट नहीं हैं। अपराधियों के बिना टीआरपी और बिना दर्शक वाले के चैनल्स को करोड़ों के विज्ञापन दिए जाने के मसले की कई जगह शिकायतें हो जाने के बाद जनसम्पर्क विभाग की मुसीबतें बढ़ गई हैं। इसलिए सरकार अनुपम राजन को हटाकर ऐसे व्यक्ति को जनसम्पर्क आयुक्त बनाना चाहती हैं जो सबको साथ लेकर चले और सरकार की साख पर भी बट्टा न लगने दे। जानकार बताते हैं आयुक्त अनुपम राजन के फैलाये रायते को समेटने के लिए सरकार को सबसे मुफीद नाम राकेश श्रीवास्तव का लगा। लेकिन राकेश श्रीवास्तव पहले भी इस पद पर रह चुके हैं, इसलिए उन्होंने इस में कोई रूचि जाहिर नहीं की। वहीँ दूसरा नाम संजय शुक्ला का सामने आया ,लेकिन वो नाजुक हालातों में जनसम्पर्क को ठीक से चला पाएं इस पर सरकार को ही संशय हैं। ऐसे में तीसरे विकल्प के रूप में विदिशा कलेक्टर एमबी ओझा का नाम सामने आया है। ओझा के नाम पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी सहमत बताये जा रहे हैं ,मुख्यमंत्री ने खुद सबके सामने विदिशा में ओझा से बड़ी जिम्मेदारी सम्हालने की बात कही है। इस सब के बीच अनुपम राजन ने मुख्यसचिव एन्टोनी डिसा से मुलाक़ात की और अपनी बीमारी का हवाला देकर जनसम्पर्क आयुक्त के पद से हटाये जाने का अनुरोध किया है। सूत्र बताते हैं राजन ने दलील दी कि इस पद पर रहते वे अपनी सेहत पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। वहीँ जनसम्पर्क के रणनीतिकार साफ़ कहते हैं कि अगर राजन खुद के विवेक से काम करते तो बहुत बेहतरीन काम करते, लेकिन वे जनसम्पर्क में कुछ बाबू टाइप की मानसिकता के अधिकारियों से घिर गए। जिसका खामियाजा उन्हें खुद और जनसम्पर्क विभाग को उठाना पड़ रहा हैं।