देश में सबसे अधिक धर्मांतरण छत्तीसगढ़ में और छत्तीसगढ़ मे सर्वाधिक धर्मांतरण जशपुर में हो रहा है। वर्तमान में जशपुर में 10 हजार से अधिक धर्मांतरण हर माह होते हैं। इसके लिए केंद्र सरकार से बात की जाएगी। जो लोग धर्मांतरण में लिप्त हैं उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।यह बातें रामायण सर्किट योजना से जोड़ने आयोजित संत समागम कार्यक्रम में आर्इं साध्वी प्राची ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि स्व. दिलीप सिंह जूदेव राज्य के शेर थे। जूदेव परिवार द्वारा धर्मांतरण रोकने की पहल में हर वर्ग को सहयोग करना चाहिए।
उन्होंने तीन तलाक पर कहा कि तीन बार तलाक कहकर एक महिला की जिंदगी को तबाह कर देना कैसा धर्म है। ऐसे धर्म को महिलाओं को छोड़ देना चाहिए। केंद्र सरकार को इस पर जल्दी से जल्दी कानून बनाना चाहिए।
साध्वी ने कहा कि यह तय है कि अयोध्या में राम मंदिर बनेगा और यह न्यायालय के निर्णय के बाद होगा। हम न्यायालय को पूरा सम्मान देते हैं और कभी भी न्यायालय के विरोध में नहीं जाएंगे।
साध्वी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोट बंदी करके कालेधन रखने वालों को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने अधिक धन और सोना रखने वालों पर कार्रवाई तो कर दी, लेकिन चार पत्नी और 40 बच्चे रखने वालों पर भी कानून बनना चाहिए।
मुस्लिम लॉ बोर्ड कहता है कि हम कोर्ट की बात नहीं मानेंगे और जब राम जन्मभूमि की बात होती है तो मुस्लिम लॉ बोर्ड कोर्ट की बात करता है। साध्वी प्राची ने कहा कि छत्तीसगढ़ शांत प्रदेश है और नक्सलवाद तेजी से कम हुआ है। यहां आकर मैं खुद को धन्य महसूस कर रही हूं। यह भगवान राम का ननिहाल है। मेरे लिए इससे बड़ी गौरव की बात क्या होगी। रामसर्किट स्थापना पर उन्होंने कहा कि पर्यटन मंत्री डॉ महेश शर्मा से मिलकर रामसर्किट का प्रस्ताव रखेंगी।
साध्वी प्राची ने राज्य में धर्मांतरण पर प्रशासनिक तंत्र को भी जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह से बात की जाएगी। धर्मांरण कर ईसाई बने लोगों को मिल रहे दोहरे आरक्षण को उन्होंने गलत बताया। आदिवासी और अल्पसंख्यक दोनों का लाभ गलत है।
साध्वी प्राची ने कहा कि उनका विरोध व्यक्ति विशेष या मुस्लिमों से निजी तौर पर नहीं बल्कि आतंकवाद से है। आदिवासियों को कई अलग -अलग समूहों और धर्मों में बांटने का विरोध करते हुए कहा कि यह देश को तोड़ने की साजिश है।
कश्मीर में आतंकवादी बुरहान वानी के नाम मुआवजे का उन्होंने विरोध करते हुए कहा कि ऐसे मुद्दे पर प्रस्ताव देने वाले का साथ केंद्र और भाजपा सरकार को नहीं देना चाहिए। ऐसे प्रस्तावों के आने पर सीमा में शहीद हो रहे जवानों का स्मरण कर लेना ही जवाब है। बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर भी उन्होंने सवाल उठाया। पत्रवार्ता के दौरान नगर पालिका उपाध्यक्ष प्रियासिंह जूदेव भी उपस्थित थीं।