प्रशासनिक सेवा जन-कल्याण के लिये जीवन का समर्पण
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शिवराज ने किया आई.ए.एस. ऑफीसर्स मीट का उदघाटन 
 
मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रशासनिक सेवा जन-कल्याण के लिये जीवन का समर्पण है। देश-प्रदेश को बदलने का सौभाग्य है। यह प्रोफेशन नहीं मिशन है। अधिकारी इसी भाव के साथ पूरी जिद, जुनून और जज्बे के साथ सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों को क्रियान्वित करें। उन्होंने अधिकारियों का आह्वान किया कि सदैव सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का प्रयास करें। अपने कार्यों से जन-सेवा का नया इतिहास रचें। श्री चौहान आज आर.सी.पी.वी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंध अकादमी में आई.ए.एस. ऑफीसर्स एसोसिएशन की तीन दिवसीय सर्विस मीट के उदघाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
 
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मीट जैसे कार्यक्रम नये ढंग से सोचने का अवसर देते हैं। नियमित दिनचर्या से हटकर नया करने से मन और बुद्धि को नई ऊर्जा मिलती है। अनौपचारिक मेल-मुलाकात में वरिष्ठ और कनिष्ठ को विचारों के आदान-प्रदान का अवसर भी मिलता है, जो एक सफल टीम के रूप में कार्य करने के लिये जरूरी है। उन्होंने कहा कि अनौपचारिकता की सीमा का पालन हो। उन्होंने कहा कि मर्यादा उल्लघंन के प्रकरणों को गंभीरता से लिया जायेगा।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की सर्वश्रेष्ठ नौकरशाही में प्रदेश का स्थान है। अभूतपूर्व कृषि विकास दर, अग्रणी विकास दर, लाड़ली-लक्ष्मी जैसी योजनाओं की सफलता का श्रेय प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों को है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सेवा की सभी जवाबदारियाँ महत्वपूर्ण हैं। श्री चौहान ने कहा कि आवश्यकता सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ चुनौतियों को स्वीकार करने की है। लोकतंत्र की सारी व्यवस्थाएँ जनता के लिये हैं। जनहित और राष्ट्रहित के विरुद्ध कार्य करने वालों के साथ पूरी कठोरता के साथ पेश आना चाहिये। किसी प्रकार की दया-माया की कोई जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी जनता की बेहतरी के लिये पूरी दक्षता और क्षमता के साथ कार्य करें। भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरों टालरेंस की नीति रखें। ईमानदारी के साथ अन्याय के खिलाफ लड़ने वालों का सम्मान करें। यह जरूरी है कि अपराधी बचे नहीं, निर्दोष परेशान नहीं हो।
 
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जन-कल्याण के कार्यों और निर्णयों में अनावश्यक विलंब नहीं हो, इस पर भी विचार किया जाये। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्रशासनिक सेवा प्रदेश के नव-निर्माण का कार्य है। असफलता अथवा सफलता से प्रभावित हुए बिना चुनौतियों को स्वीकार करें। धैर्य के साथ निरंतर कार्य करें। असफलता पर जमीन में गड़ें नहीं। सफलता पर आसमान में उड़े भी नहीं। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत कार्य हुआ है, अभी और प्रयास जरूरी है। रोजगार के क्षेत्र में पर्यटन का बहुत महत्व है प्रदेश में पर्यटन का नया संसार रचा जा सकता है। उन्होंने हनुवंतिया को उत्कृष्ट पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिये पर्यटन विभाग को बधाई दी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण का दुनिया का सबसे बड़ा सामाजिक आंदोलन नर्मदा सेवा यात्रा बन रही है। इसमें सभी वर्ग, समुदाय, संगठन के लोग समान भाव से पर्यावरण संरक्षण के लिये आगे आ रहे हैं। यात्रा के छठवें दिन तक के नर्मदा किनारे के 90 प्रतिशत किसानों ने वृक्षारोपण का संकल्प ले लिया है। जनता के सहयोग से पर्यावरण संरक्षण का नया वातावरण प्रदेश में बना है।
 
मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह ने मीट के स्वरूप पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सही समय पर कही गई बात ही अच्छी होती है। मीट के दौरान सांस्कृतिक, क्रीड़ा संबंधी गतिविधियाँ अधिकारियों के मध्य झिझक को दूर करती है, आपसी समझ बढ़ती है। इससे पारस्परिक रूप से सम्मान और स्नेह बढ़ता है।
 
एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री आर.एस. जुलानिया ने कहा कि तीन दिवसीय मीट के दौरान सदस्यों के व्यक्तित्व के नये पहलु और प्रतिभाएँ उजागर होती हैं। अनौपचारिक सहयोग और पारस्परिकता के वातावरण में नये संबंध विकसित होते हैं।
 
आभार प्रदर्शन संघ के उपाध्यक्ष श्री संजय शुक्ला ने किया। संचालन सचिव श्री नीतेश व्यास ने किया। इस अवसर पर अकादमी की महानिदेशक श्रीमती कंचन जैन सहित सेवारत और सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी उपस्थित थे। इसके बाद मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वर्ष 2014 बैच के आई.ए.एस. अनुविभागीय अधिकारियों से भेंट की उनका मार्ग दर्शन किया।