जयंत मलैया का विभाग वादे पूरे करने में टॉप पर
विधानसभा में विधायकों द्वारा उठाए जाने वाले मामलों में मंत्रियों द्वारा दिए जाने वाले आश्वासन के मामले में जल संसाधन मंत्री जयंत मलैया का विभाग अन्य विभागों के मामले में खरा उतरा है। हालांकि कई विभाग इस मामले में लंबे समय से फिसड्डी साबित हो रहे हैं। अगर सदन में विधायकों को दिए गए आश्वासनों का आंकड़ा जोड़ा जाए तो अभी भी करीब 3 हजार मामले ऐसे हैं जिसमें सरकार की ओर से आश्वासन पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं।वादाखिलाफी में ये सबसे टॉप पर विभाग लंबित वादेनगरीय विकास 481राजस्व 377स्वास्थ्य 346पंचायत एवं ग्रामीण 323सहकारिता 192लोक निर्माण 171आदिम जा कल्याण 19स्कूल शिक्षा 136कृषि 127वन 85अब विधानसभा सत्र है। सदन में विधायक इन आश्वासनों के बारे में पूछ सकते हैं। लिहाजा सरकार सक्रिय हो गई है। विभागों से जवाब-तलब किया गया है। विधानसभा सचिवालय ने भी सरकार से जानकारी मांगी है। 10 फरवरी की स्थिति में लंबित आश्वासनों की संख्या 2 हजार 949 थी। सदन में किए गए आश्वासनों को पूरा करने की जिम्मेदारी संबंधित विभागों को होती है। हाल ही में मुख्य सचिव भी लेटलतीफ विभागों के कामकाज पर नाखुशी जाहिर करते हुए मामले समय पर निपटाने की हिदायत दे चुके हैं। प्रयास है कि विधानसभा सत्र शुरू होते-होते अधिकांश आश्वासन पूरे हो जाएं।इन विभागों का परफार्मेंस अच्छावित्त मंत्री जयंत मलैया का महकमा जल संसाधन विभाग का काम इस मामले में बेहतर कहा जा सकता है। विभाग के प्रमुख सचिव राधेश्याम जुलानिया ने मलैया द्वारा सदन में दिए गए सभी आश्वासनों और वादों को पूरा कर दिया। यानी रिपोर्ट कार्ड में इनके विभाग का कोई भी मामला लंबित नहीं हैं। संसदीय कार्य, जन शिकायत निवारण, पर्यटन, मछुआ, कल्याण विभागों के एक-एक मामले लंबित हैं, जबकि नर्मदा घाटी, पशुपालन, भोपाल गैस त्रासदी एवं पुर्नवास विभाग के दो-दो मामले लंबित हैं।