बजट सत्र में सवालों की बौछार
विधायकों ने लगाए 7 हजार प्रश्नमध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में सवालों का सैलाब उमड़ पड़ा है। करीब सात हजार सवाल अब तक विधानसभा सचिवालय को मिल चुके हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि विधानसभा के 230 विधायकों में से हर विधायक ने इस बार कोई न कोई सवाल लगाया है। सबसे ज्यादा सवाल गांव, कस्बों में गंभीर हो रही पेयजल की समस्या और किसानों को सूखा राहत न मिलने से जुड़े हैं। दिलचस्प यह है कि सवालों की संख्या अभी और बढ़ने के आसार हैं। विधानसभा का बजट सत्र 23 फरवरी से शुरू हो रहा है। यह सत्र एक अप्रैल तक चलेगा। 39 दिनों तक चलने वाले इस सत्र में कुल 25 बैठकें होनी हैं। बजट सत्र में इस बार विधायकों ने बेहद जागरूकता का परिचय देते हुए ज्यादा से ज्यादा सवाल लगाए हैं। नियम यह है कि एक विधायक सदन की एक बैठक में अधिकतम चार सवाल पूछ सकता है। इसमें दो तारांकित और दो अतारांकित सवाल शामिल होते हैं। इसके अलावा करीब सौ से अधिक ध्यानाकर्षण की सूचनाएं भी विधानसभा को मिल चुकी हैं। सचिवालय के मुताबिक अधिकांश सवाल सूखा राहत और पेयजल समस्या से जुड़े हैं।इसक बाद कानून-व्यवस्था से जुड़े मसलों पर भी अधिकांश विधायकों ने सवाल लगाए हैं। सूखा राहत और पेयजल से जुड़े मसलों पर सत्तापक्ष के विधायकों ने ही ज्यादा सवाल लगाए हैं।विधानसभा में इस सत्र से विधायकों के लिए अलग से कंप्यूटर कक्ष की व्यवस्था की जा रही है। इस कक्ष में विधायकों और उनके सहायकों को कंप्यूटर संबंधी पूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। कंप्यूटर कक्ष में विधायकों के लिए सवाल पूछने और उनके उत्तर जानने की भी व्यवस्था की जा रही है।इसके अलावा कंप्यूटर से जुड़े उनके अन्य कामों में भी यह कक्ष मदद करेगा। इस कंप्यूटर कक्ष में प्रशिक्षित लोगों का स्टाफ तैनात किया जा रहा है।विधानसभा को अब तक मिले सवालों में तीन हजार से ज्यादा सवाल सूखा राहत, किसानों सिंचाई के लिए कम मिल रही बिजली, मुआवजा और खाद, बीज की दिक्कतों से जुड़े हैं। इसके अलावा ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में गहरा रहे पेयजल संकट को लेकर भी विधायकों ने अधिक सवाल लगाए हैं।विधायक पांच मार्च तक पूछे जाने वाले अपने सवाल विधानसभा सचिवालय को भेज सकते हैं। इससे इस बात की संभावना है कि सवालों का आंकड़ा दस हजार के पार पहुंच सकता है। इसके पहले बजट सत्र में यह आंकड़ा चार हजार के आसपास ही रहता था। इस बार अब सौ से अधिक विधायक चालीस से ज्यादा सवाल भेज चुके हैं।विधानसभा में आम बजट इस बार 26 फरवरी को पेश होने की संभावना है। सूत्रों की माने तो वित्त मंत्री जयंत मलैया की इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से चर्चा हो चुकी है। मलैया ने सीएम को बताया है कि उनके विभाग की तरफ से बजट की पूरी तैयारी हो चुकी है।विधानसभा के प्रमुख सचिव भगवान देव इसरानी ने कहा विधायकों की जागरुकता का ही परिणाम है कि इतने सवाल आए। लेकिन इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि विस सचिवालय ने पिछले सत्र के अंतिम दिन विधायकों को प्रश्नों के प्रपत्र एडवांस में दे दिए थे, जिसके चलते उन्हें प्रश्न लगाने में आसानी हुई और इतनी संख्या में प्रश्न आए। हमने इस बार विधायकों से आॅनलाइन करेक्शन करवाएं हैं। जहां तक सवाल आॅनलाइन प्रश्न लगाने का है, तो वे अगले सत्र से शुरु होंगे।