मायावती के भाई के खाते में 1.43 करोड़ और बीएसपी के खाते में 104 करोड़ जमा हुए
मायावती

यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की करोल बाग ब्रांच में बसपा के खाते में 104 करोड़ रुपए और मायावती के भाई आनंद कुमार के खाते में 1.43 करोड़ रुपए की रकम जमा करने का खुलासा हुआ है। ईडी ने सोमवार को बैंक में सर्वे के दौरान यह मामला पकड़ा। दोनों ही खातों में रकम नोटबंदी के बाद जमा की गई। 10 नवंबर से नौ दिसंबर के बीच यह रकम जमा कराई गई थी। इसके बारे में प्रवर्तन निदेशालय ने तत्काल आयकर विभाग से संपर्क किया। इसके बाद आयकर अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है। गौरतलब है कि बसपा प्रमुख मायावती नोटबंदी का जबरदस्त विरोध कर रही हैं और इसे आर्थिक आपातकाल बता चुकी हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, बसपा के खाते में जमा इस रकम के बारे में प्रवर्तन निदेशालय की ऑडिट के दौरान पता चला। नोटबंदी के बाद ईडी पूरे देश में 50 बैंक शाखाओं की ऑडिट करा रहा है, जिनमें सबसे अधिक पुराने नोट जमा किए गए थे। इनमें  बैंक की करोलबाग शाखा भी शामिल है।

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की इसी शाखा में मायावती के भाई आनंद कुमार का भी खाता है। आनंद कुमार के खाते में भी नोटबंदी के बाद 1.43 करोड़ रुपये जमा कराए गए थे। इनमें 18.98 लाख रुपये नकद जमा कराए गए थे। शेष रकम आरटीजीएस के माध्यम से दूसरी कंपनियों से इस खाते में आए। अब आयकर विभाग यह पता लगा रहा है कि आरटीजीएस करने वाली कंपनियों के पास धन कहां से आया था और किस काम के लिए दिया गया था।

आशंका है कि इन कंपनियों के मार्फत पुराने नोट के रूप में जमा काले धन को सफेद तो नहीं किया गया। आनंद कुमार की कई कंपनियां पहले से ही एजेंसियों के रडार पर हैं। इन कंपनियों में हजारों करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है। इसके पहले आनंद कुमार 400 करोड़ रुपये की एफडी को लेकर आयकर विभाग की जांच के घेरे में थे।

खबर है बसपा के इस खाते में इस साल जनवरी से जुलाई के बीच कोई रकम नहीं जमा कराई गई थी। अगस्त में 21 करोड़ रुपये और सितंबर में केवल 12 करोड़ रुपये जमा कराए गए थे। अक्टूबर में भी इस खाते में कुछ नहीं जमा किया गया था।

जांच में पता चला है कि नोटबंदी के बाद आनंद कुमार के खातों में 18.98 लाख रुपए पुराने नोटों में जमा किए गए। बैंक के रिकॉर्डों के मुताबिक बसपा के खाते में 101 करोड़ रुपए की रकम एक हजार रुपए और 3 करोड़ रु. पांच सौ के पुराने नोटों में जमा कराए गए।करीब 15-17 करोड़ रु. हर दूसरे दिन जमा किया गया। मायावती के भाई आनंद के खाते में नोटबंदी के बाद पुराने नोटों में 18.98 लाख रुपए जमा कराए गए।

ईडी ने बैंक से दोनों खातों के बारे में ब्योरा मांगा है। सीसीटीवी फुटेज और केवाईसी दस्तावेज भी मांगे गए हैं। माना जा रहा है कि आयकर विभाग को भी इस बारे में जानकारी भेजी जाएगी जो कि पार्टी के चंदे की कानूनी तौर पर पड़ताल कर सकती है। ईडी जल्दी ही आनंद को नोटिस जारी कर सकती है। आयकर विभाग आनंद के मामले में कर चोरी के प्रावधानों के तहत जांच कर सकता है।

एक अन्य घटनाक्रम में आयकर विभाग ने मायावती और आनंद कुमार के खिलाफ आयकर न देने के मामले में 5 याचिकाएं सुनवाई के लिए दोबारा सूचीबद्ध कर दी हैं। यूपी में विधानसभा चुनाव समीप होने के मद्देनजर यह कदम काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ये याचिकाएं विभिन्न व्यक्तियों की ओर से दर्ज कराई गई शिकायतें हैं, जिसमें वित्तीय धांधली या टैक्स चोरी का आरोप लगाया गया है। इस मामले में विस्तृत जांच-पड़ताल के बाद आयकर विभाग की धारा 148 के तहत इन मामलों को दोबारा सुनवाई के लिए लिस्ट किया है।

नियम के मुताबिक राजनीतिक दलों को 20 हजार रुपये से अधिक चंदा मिलने पर आयकर विभाग को जानकारी देनी होती है।एक बैंक खाते में इतनी बड़ी मात्रा में नकदी जमा कराए जाने का पता चलने के बाद बसपा के दूसरे बैंक खाते भी जांच के दायरे में आ गए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आयकर विभाग को इन सभी खातों की पड़ताल करने को कह दिया गया है।

बसपा के खाते का पता चलने के बाद अन्य राजनीतिक दल भी आयकर विभाग के निशाने पर आ गए हैं। माना जा रहा है कि इससे राजनीतिक दलों की फंडिंग को पारदर्शी बनाने की मांग को बल मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद राजनीतिक दलों की फंडिंग को पारदर्शी बनाने के मुद्दे पर व्यापक बहस का समर्थन कर रहे हैं।