सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि उनकी सेना एकसाथ दो मोर्चों पर पाकिस्तान और चीन के साथ युद्ध के लिए तैयार है लेकिन उन्होंने बीजिंग के साथ टकराव के बजाय सहयोग पर ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया।
गौरतलब है कि भारत द्वारा 5,000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक मार करने में सक्षम मिसाइल ‘अग्नि पांच’ के परीक्षण को लेकर बीजिंग की भवें तन गयी थीं, जिसके कुछ दिन बाद सेना प्रमुख का यह बयान आया है।
जनरल रावत ने एक समाचार चैनल से कहा, ‘जहां तक सशस्त्र बलों का सवाल है, हमें दो मोर्चों पर युद्ध के लिए तैयार रहने का जिम्मा सौंपा गया है। मेरा ख्याल है कि राजनीतिक पदानुक्रम के हिसाब से हमें जिस तरीके से भी ऐसा करने को कहा जाएगा, हम उस कार्य को पूरा करने में सक्षम हैं।’ सेना प्रमुख ने कहा कि जहां तक उतरी सीमा का सवाल है, सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सौहार्दपूर्ण रिश्ता कायम करने करने के लिए एक खास तरह की रणनीति बनाई है। उन्होंने कहा कि आज एलएसी पर सीमा पर तैनात कर्मियों की चार बैठकें हुईं।
जनरल रावत ने कहा, ‘संभव है कि अंतरिक्ष, आर्थिक विकास, समृद्धि जैसे कुछ क्षेत्रों में हम प्रतिस्पर्धा कर रहे हों लेकिन यह सुनिश्चित किये जाने की आवश्यकता है कि कुछ ऐसे भी क्षेत्र हैं, जिनमें सहयोग की आवश्यकता है। मेरा मानना है कि इस पर ध्यान दिये जाने की जरूरत है ना कि टकराव पर। हमें चीन के साथ सहयोग पर ध्यान देने की जरूरत है।’