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राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि मध्यप्रदेश का निवेश के मामले में इंदौर मुख्य द्वार है। उद्योगपति इंदौर और उसके आसपास उद्योग लगाने के इच्छुक रहते हैं। मध्यप्रदेश के अन्य स्थानों पर भी औद्योगिक निवेश के लिये अनुकूल माहौल है। राज्य सरकार ने प्राथमिकता के साथ निवेशकों के लिये अनेक सुविधाएँ दी हुई हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के ''मेक इन इंडिया'' मिशन को पूरा करने के लिये ही 'मेड इन एमपी'' भी प्रारंभ किया गया है। उद्योग मंत्री श्री शुक्ल आज इन्दौर में औद्योगिक इंजीनियरिंग एक्सपो-2017 का शुभारंभ कर रहे थे। महापौर श्रीमती मालिनी गौड़ भी मौजूद थी।
श्री शुक्ल ने कहा कि जीआईएस-2016 में भी 5 लाख करोड़ के प्रस्ताव प्राप्त हुए थे, जिनके जरिये 2500 से अधिक उद्योगपति ने मध्यप्रदेश में निवेश करने की इच्छा जतायी है। उद्योग मंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि मध्यप्रदेश में एक लाख बीस हजार हेक्टेयर का लैण्ड बैंक है। इसमें से 40 हजार हेक्टेयर विकसित लैण्ड बैंक है। प्रदेश में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिये आकर्षक छूट एवं पर्याप्त सुविधाएँ दी जा रही हैं। प्रारंभिक तौर पर उद्योग निवेश होने पर विद्युत, करों एवं आधारभूत संरचना के लिए विशेष छूट का प्रावधान किया गया है। इंदौर के आसपास और औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिये निरंतर प्रयास जारी है। अहमदाबाद-मुंबई रोड पर 350 करोड़ की लागत से 1200 एकड़ जमीन औद्योगिक क्षेत्र के लिये विकसित की जा रही है।
उद्योग मंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि किसी भी देश, प्रदेश और समाज की उन्नति के लिये तीन क्रांति महत्वपूर्ण स्थान रखती है, जिनमें कृषि, पर्यटन और उद्योग हैं। मध्यप्रदेश में कृषि के क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया गया है। इसके परिणामस्वरूप लगातार चार वर्ष से प्रदेश को कृषि कर्मण अवार्ड मिल रहा है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के लगातार प्रयासों से कृषि सिंचाई रकबा 7 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 40 लाख हेक्टेयर तक हो गया है। घरों एवं उद्योगों के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में भी 24 घंटे बिजली उपलब्ध करवायी जा रही है। प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में भी बेहतर कार्य किया गया है। रीवा में देश की पहली टाइगर सफारी, खण्डवा में पर्यटन स्थल हनुवंतिया टापू का विकास, खजुराहो, ग्वालियर, माण्डू जैसी प्रदेश की हमारी ऐतिहासिक धरोहर से पर्यटन में विगत 10 वर्ष में कई गुना वृद्धि हुई है। देश में पर्यटन के क्षेत्र में लगातार पुरस्कार मिलना इसका प्रमाण है।
MadhyaBharat
6 January 2017
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