मध्यप्रदेश की सुख - समृद्धि का आधार है नर्मदा
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मुख्यमंत्री चौहान ने मोबाइल से बरमान के जन-संवाद कार्यक्रम को किया संबोधित 

मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश की सुख व समृद्धि का आधार माँ नर्मदा है। प्रदेश की जीवन रेखा नर्मदा के संरक्षण एवं संवर्धन और प्रदूषण मुक्ति के लिए जागरूकता बढ़ाने नर्मदा सेवा यात्रा जन-आंदोलन का रूप ले चुकी है। श्री चौहान ने इसके लिए सभी को अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने का संकल्प दिलवाया। उन्होंने लोगों से आव्हान किया कि माँ नर्मदा का श्रंगार दोनों तटों पर वृक्षारोपण कर हरियाली चुनरी ओढ़ाकर करें।

मुख्यमंत्री श्री चौहान नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान नरसिंहपुर जिले के बरमानखुर्द में जन-संवाद कार्यक्रम को मोबाइल से संबोधित कर रहे थे। श्री चौहान का बरमानखुर्द आगमन का कार्यक्रम प्रस्तावित था, परंतु अपरिहार्य कारणों से वे कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मोबाइल से दिये संदेश में कहा कि नर्मदा तट के एक किलोमीटर के दायरे में किसानों को निजी भूमि पर फलदार पौधे लगाने के लिए गड्ढा खोदने के लिए मजदूरी के साथ 40 प्रतिशत अनुदान राशि दी जायेगी। साथ ही प्रति हेक्टर 20 हजार रूपये की राशि 3 साल तक किसानों को दी जायेगी। उन्होंने कहा कि नर्मदा में गंदे पानी को मिलने से रोकने के लिए अमरकंटक से ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की शुरूआत की जायेगी। ट्रीटमेंट प्लांट से निकले साफ पानी को खेतों तक पहुँचाकर सिंचाई के उपयोग में लिया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा किनारे पूजन सामग्री विसर्जित करने के लिए पूजन कुंड बनाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि नर्मदा तट से लगे गाँव में अगले वित्तीय वर्ष से कोई शराब की दुकान नीलाम नहीं होगी। साथ ही पूरे प्रदेश में नशा मुक्ति अभियान भी चलाया जायेगा। उन्होंने कार्यक्रम में नर्मदा तटों पर वृक्षारोपण करने, स्वच्छता बनाये रखने, खेती में रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों का उपयोग नहीं करने, जैविक खेती अपनाने, फलदार एवं छायादार वृक्षों के लिए पौधेरोपित करने, बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ, नशा मुक्ति और नर्मदा की निर्मलता बनाये रखने के लिए हर संभव प्रयास करने तथा इसके लिए दूसरों को प्रेरित करने का संकल्प दिलवाया।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि मध्यप्रदेश के विकास और तरक्की में नर्मदा मैया का बहुत बड़ा योगदान है। बिना नर्मदा के हम प्रदेश के विकास की कल्पना भी नहीं कर सकते। यदि मध्यप्रदेश से नर्मदा को कम कर दिया तो उसकी स्थिति वैसे ही होगी जैसे कि बिना प्राण के शरीर होता है। उन्होंने जिलावासियों का आव्हान किया कि नर्मदा जल को निर्मल बनाये रखने के लिए कहीं पर भी गंदगी नर्मदा में प्रवाहित न होने दें। ग्रामीण विकास मंत्री ने जानकारी दी कि जो पंचायतें खुले में शौच से मुक्त हो गई हैं, उन्हें विकास के लिए अधिक राशि मिलेगी, जिससे वे अपने विकास के कार्य करवा सकेंगे।

वन, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार ने कहा कि नर्मदा के आचमन योग्य जल को गंदा नहीं होने दें। हमारी सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक गतिविधियाँ भी नर्मदा पर आश्रित हैं।लोक निर्माण, विधि एवं विधायी कार्य मंत्री श्री रामपाल सिंह ने कहा कि नरसिंहपुर जिले के 10 हजार किसानों ने जैविक खेती करने का संकल्प लिया है। उन्होंने जिले के किसानों की आय 5 वर्ष में दोगुनी करने के लिए तैयार रोडमेप पत्रिका का विमोचन किया।

कार्यक्रम में डॉ. जितेन्द्र जामदार ने अभी तक हुई नर्मदा सेवा यात्रा का प्रतिवेदन में बताया कि नर्मदा सेवा का आज 28वाँ दिन है। अभी तक हुई यात्रा में 7 लाख से अधिक लोगों ने इसमें भागीदारी की है। यात्रा के दौरान 124 स्थान पर चौपाल लगाकर कार्यक्रम किये गये हैं।सांसद श्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि माँ नर्मदा के स्वरूप को बनाये रखने और प्रदूषण मुक्त करने के लिए सेवा यात्रा चल रही है।

इस अवसर पर भानपुरा पीठाधीश्वर अनंत विभूषित स्वामी दिव्यानंद तीर्थ, दंडी स्वामी हेमानंद सरस्वती महाराज उज्जैन, स्वामी अखिलेश्वरानंद महाराज, पदमदास महाराज, समर्थ भैया सरकार जबलपुर, कृष्णदास महाराज सिद्धघाट, साध्वी प्रज्ञा भारती, साध्वी योग माया, स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन लि. के अध्यक्ष (मंत्री दर्जा) श्री शिव चौबे, श्री संजय शर्मा, श्री जालम सिंह पटेल, श्री गोविंद सिंह पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री संदीप पटेल, जन-अभियान परिषद के उपाध्यक्ष श्री प्रदीप पांडे, साधु-संत, अन्य जन-प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन मौजूद थे।

नर्मदा सेवा यात्रा के ध्वज, कलश और कन्या पूजन

जन-संवाद कार्यक्रम के शुभारंभ पर नर्मदा सेवा यात्रा के ध्वज एवं कलश और कन्याओं का पूजन किया गया। टीकमगढ़ जिले की उप यात्रा के माध्यम से लाये गये जिले की चार नदी के जल के कलश को स्वामी अखिलेश्वरानंद को सौंपा गया। नर्मदा की सहायक नदियों के नाम से जिले में निकाली गई उप-यात्राएँ भी नर्मदा सेवा यात्रा में शामिल हुई। इस अवसर पर नर्मदा संरक्षण एवं संवर्धन और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए लोगों को प्रेरित करने के उद्देश्य से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसमें नुक्कड़ नाटिका, गीत आदि की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में जैविक खेती के फायदे भी बताये गये। कार्यक्रम में साधु- संतों को सम्मानित किया गया।