चुनाव सुधार और राजनीतिक दलों के चंदे में पारदर्शिता को लेकर उठ रहे सवालों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह संदेश दे दिया है कि भाजपा इसकी अगुवाई करने के लिए तैयार है। अपने नाते-रिश्तों के लिए टिकट मांग कर रहे नेताओं को भी परोक्ष संकेत दे दिया कि ऐसा न करें। माना जा रहा है कि 14 जनवरी के बाद टिकटों की घोषणा शुरू हो जाएगी। वैसे बैठकों का दौर शनिवार से ही शुरू हो चुका है।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समापन संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में पारदर्शिता की संस्कृति बढ़ रही है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और चुनाव आयोग की ओर से भी बातें उठी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह खुद भी सहमत हैं कि राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में पारदर्शिता होनी चाहिए। अगर सभी दलों की सहमति बने तो भाजपा अगुवाई करने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री ने चुनाव सुधार की दिशा में बढ़ने वाले हर कदम के समर्थन की बात कही।
पांच राज्यों में चुनाव के लिए उम्मीदवार तय करने का काम अंतिम चरण में है। शनिवार देर शाम भी उत्तर प्रदेश के भाजपा नेताओं के बीच लंबी मंत्रणा चली। ऐसे में प्रधानमंत्री यह आगाह करने से नहीं चूके कि उम्मीदवार तय करना संगठन का काम है। सूत्र बताते हैं कि उन्होंने संकेत दिया कि कोई नेता नाते-रिश्ते के लिए टिकट नहीं मांगे। दरअसल कई स्थानों से बड़े नेताओं ने अपने रिश्तेदारों के लिए टिकट की मांग रखी है।
नोटबंदी से बनेगी साफ-सुथरी अर्थव्यवस्था
नोटबंदी से देश पर पड़ने वाले असर की चर्चा के बीच भाजपा ने इसे एक पवित्र आंदोलन करार दिया है जो भारत को एक साफ-सुथरी अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करेगा। इसके पीछे सरकार का यह तर्क है कि नोटबंदी की वजह से बैंकों में जो अपार धन आया है, उसकी वजह से विकास कार्यों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। भाजपा कार्यकारिणी के अंतिम दिन पारित आर्थिक प्रस्ताव में कहा गया है कि विपक्ष चाहे नोटबंदी की जितनी भी भर्त्सना कर लें लेकिन इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि यह गरीबों के हितों की रक्षा करने वाला एक ऐतिहासिक कदम है। भाजपा ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि नोटबंदी को वह एक सफल अभियान बताते हुए इसे आगामी चुनावों में मुद्दा बनाने की भी पूरी कोशिश होगी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए कहा है कि नोटबंदी को पूरे देश में एक पवित्र आंदोलन की तरह लागू किया गया है। आम जनता ने परेशानी सहने के बावजूद इसे सफल बनाने में हरसंभव मदद की है। विपक्ष इस माहौल को समझ नहीं रहा है और वह नोटबंदी के खिलाफ दुष्प्रचार में जुटा है। नोटबंदी से देश में जो सकारात्मक माहौल बना है उसे खत्म करने की कोशिश की जा रही है। जेटली का कहना है कि सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि जो भी कालाधन देश में छिपा हुआ था वह अब बैंकों में जमा हो चुका है। इससे राज्यों व केंद्र के राजस्व में बड़ी बढ़ोतरी होगी। साथ ही एक साफ-सुथरी अर्थव्यवस्था के निर्माण में मदद होगी।