समूचे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। कोहरे के कारण सड़क, रेल और हवाई यातायात पहले से बाधित है। मौसम विभाग के मुताबिक, पहाड़ों पर बर्फबारी जारी रहेगी, लेकिन मैदानी इलाकों में बारिश से परेशानियां बढ़ सकती हैं। 15 तथा 16 जनवरी को उत्तर भारत समेत अन्य राज्यों में बारिश का अनुमान है।
उत्तराखंड के कई इलाकों में पानी जमने से पाइप लाइनें फटने लगी हैं। वहीं हिमाचल में लगातार हो रही बर्फबारी से न केवल बिजली-पानी का संकट गहरा गया है बल्कि कुल्लू की वह सरेयोलसर झील भी जम जुकी है जिसमें मकर संक्रांति के दिन डुबकी लगाई जाती है।
वहीं श्रीनगर में पिछले चौबीस घंटे का न्यूनतम तापमान -6.8 डिग्री सेल्यसियस दर्ज किया गया है। जो पांच वर्षो में जनवरी माह के दौरान सबसे कम न्यूनतम तापमान है। जम्मू में लोहड़ी की रात इस सीजन की सबसे ठंडी रात रही। रात का न्यूनतम तापमान 3.1 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। ऊधमपुर में न्यूनतम तापमान -1.4 डिग्री सेल्सियस जा पहुंचा। लेह में रात का न्यूनतम तापमान -14 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
उत्तर बिहार में ठंड ने 55 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। मुजफ्फरपुर में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह सामान्य से 6.2 डिग्री कम है। इससे रात और सुबह कड़ाके की ठंड रही। पूर्वी चंपारण के केसरिया, मुजफ्फरपुर के हथौड़ी, औराई, मीनापुर व मोतीपुर सहित अन्य क्षेत्रों में सुबह के समय छप्परों पर बर्फ जैसी उजली चादर जमी दिखी। मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि पानी जमने की खबर तो है लेकिन बर्फबारी यहां नहीं हो सकती। राजधानी पटना में ठंड ने शुक्रवार को पांच वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ दिया। न्यूनतम तापमान पांच सालों में सबसे कम पांच डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
राजस्थान में ठंड का दौर जारी है। पहाड़ों में हुई बर्फबारी के कारण राजस्थान शनिवार को लगातार तीसरे दिन भी ठंड से आम जन जीवन प्रभावित रहा। चूरू, माउंट आबू व सीकर में तापमान जहां शून्य से नीचे रहा वहीं जयपुर, सीकर, उदयपुर, अजमेर सहित पिलानी में भी तापमान शून्य के आसपास रहा।
हरियाणा में शीतलहर के कारण जनजीवन प्रभावित हो गया है। बीते तीन दिनों से हांड़ कंपा देने वाली सर्दी बदस्तूर जारी है। फिलहाल इससे राहत मिलती नहीं दिख रही है। ठंड के साथ पाले का बढ़ा प्रकोप, खराब हो रहीं सब्जियों की फसल। रेवाड़ी में भी लगातार तीसरे दिन न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री पर अटका रहा।