मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना कार्य का जायजा लिया। उन्होंने परियोजना कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये। यह परियोजना दुनिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना है। इससे 750 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा। इसमें सहभागिता के लिए प्रमुख राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कम्पनियों ने रूचि दिखाई है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि परियोजना के कार्य में तेजी लायी जाये। उन्होंने परियोजना के विभिन्न चरणों के कार्य की जानकारी ली। बताया गया कि परियोजना को 250 मेगावॉट की तीन इकाइयों में बाँटा गया है। इसके पावर ग्रिड सब स्टेशन का कार्य प्रगति पर है। यह देश की पहली परियोजना है, जिसे क्लीन टेक्नोलॉजी फण्ड के अंतर्गत ऋण स्वीकृत किया गया है। इससे दिल्ली मेट्रो को बिजली दी जायेगी।
परियोजना का प्रस्तुतिकरण करते हुए प्रमुख सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा श्री मनु श्रीवास्तव ने बताया कि परियोजना से प्रदेश को विभिन्न लाभ होंगे। इनमें प्रदेश को सस्ती सौर विद्युत प्राप्त होगी, विद्युत वितरण कम्पनियों के आर.पी.ओ. की पूर्ति, परियोजना में 5000 करोड़ रूपये का निवेश, निजी भूमि के लिये भू-स्वामियों को 54 करोड़ रूपये का भुगतान, प्रमुख है। विकासकों से 15 करोड़ रूपये स्थानीय क्षेत्र विकास के रूप में प्राप्त होंगे। विकासकों से रजिस्ट्रेशन के रूप में राज्य को साढ़े सात करोड़ रूपये और राजस्व भूमि उपयोग के लिये 32 करोड़ रूपये प्राप्त होंगे। परियोजना निर्माण अवधि में 13 हजार 500 श्रमिकों को रोजगार मिलेगा तथा परियोजना कमीशनिंग होने पर 750 श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध होगा।बैठक में ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन, उद्योग मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री ए.पी. श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव उद्योग श्री मोहम्मद सुलेमान एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।