पर्यावरण संरक्षण के लिये विशेष रूप से काम करेंगे क्लब
स्कूल शिक्षा विभाग ने 30 हजार 341 सरकारी मिडिल स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने के मकसद से विज्ञान मित्र क्लब गठन करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में शाला के शिक्षकों को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं।
निर्देश में कहा गया है कि सरकारी मिडिल स्कूल में कक्षा 6, 7, 8 में सक्रिय विद्यार्थियों का चयन कर क्लब का गठन करवाया जाये। एक क्लब में अधिकतम 50 विद्यार्थी को रखा जाये। क्लब का गठन होने पर इसका एक दल नायक होगा, जो संचालक सहयोगी की भूमिका में रहेगा। शेष छात्र सहयोगी-पर्यावरण-मित्र कहलायेंगे। क्लब में बाल केबिनेट के एक प्रतिनिधि को भी शामिल किया जायेगा। विज्ञान मित्र क्लब में मार्गदर्शनकर्ता के रूप में एक शिक्षक को भी नामांकित किया जायेगा। स्कूल से कहा गया है कि क्लब का नामकरण भारतीय वैज्ञानिक, आविष्कारक अथवा प्रसिद्ध स्थल आदि के नाम पर किया जा सकता है।
क्लब की गतिविधियाँ जल की स्थिति, प्रदूषण, जल-संरक्षण, जैव-विविधता, ऊर्जा-संरक्षण, अपशिष्ट एवं उसका प्रबंधन, प्राकृतिक आपदाएँ और इससे निपटने के उपाय, रसायनों के प्रयोग से फैलता प्रदूषण और वैज्ञानिक तथ्य पर केन्द्रित होंगी। विज्ञान मित्र क्लब प्रश्न-मंच, संगोष्ठी, चित्रकला, निबंध और विज्ञान खेल प्रतियोगिताएँ आयोजित करेगा। क्लब अपने सदस्यों के साथ वन्य-जीव उद्यान, संग्रहालयों और प्राकृतिक स्थलों का भी समय-समय पर दौरा करेगा। क्लब मुख्य रूप से शहर में अंधविश्वास और सामाजिक कुरीतियों को मिटाने के लिये रैली भी करेगा। साथ ही अपने नजदीक के क्षेत्रों में पॉलिथिन के उपयोग को निरुत्साहित करने के लिये भी काम करेगा। क्लब के गठन के लिये आवश्यक राशि भी उपलब्ध करवायी जा रही है।