आईएसआई ने कराया था कानपुर ट्रेन हादसा
ins कानपुर ट्रेन हादसा

उत्तर प्रदेश के कानपुर के पास पुखरायां में पिछले साल 20 नवंबर को हुए ट्रेन हादसे में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (आइएसआइ) का हाथ था। यह राज मंगलवार को मोतिहारी पुलिस के हत्थे चढ़े तीन शातिर बदमाशों में शामिल मोती पासवान ने खोला है। वह आदापुर का रहनेवाला है।

कानपुर के पास पुखरायां में उस हादसे में 152 लोगों की मौत हो गई थी। घटना को अंजाम इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आइईडी) लगा कर दिया गया था।उसने बताया कि आइएसआइ के इशारे पर कानपुर के पास हुए कराए गए ट्रेन हादसे में मैं भी शामिल था। मेरे साथ कानपुर में कई अन्य लोग भी थे। इनमें दिल्ली में पकड़े गए बदमाश जुबैर व जियायुल शामिल थे। एसपी जितेन्द्र राणा के समक्ष उसने उन दोनों की तस्वीरों से पहचान की।

मोती ने बताया कि कानपुर से पहले पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन स्टेशन के पास रेल ट्रैक व चलती ट्रेन को उड़ाने की साजिश भी उसी संगठन ने की थी। इसके लिए नेपाल में गिरफ्तार ब्रजकिशोर गिरी ने आदापुर निवासी अरुण व दीपक राम को तीन लाख रुपये दिए थे।

लेकिन, इन्होंने आइईडी लगाने के बाद भी रिमोट का बटन नहीं दबाया। इस कारण वह विस्फोट नहीं हो सका और विध्वंस की साजिश नाकाम हो गई थी। घटना को अंजाम नहीं देने के कारण नेपाल बुलाकर ब्रजकिशोर ने अरुण व दीपक की हत्या कर शव फेंक दिया।

नेपाल पुलिस के हत्थे चढ़े ब्रजकिशोर गिरी ने बताया कि दुबई में बैठे नेपाल के ही समशुल होदा ने आइएसआइ की कमान थाम रखी है। उसी ने घोड़ासहन में रेलगाड़ी व ट्रैक पर बम लगाने को कहा था। यह जिम्मेदारी दी थी कि पूरे जिले के शातिर बदमाशों को एकत्र कर संगठन तैयार करो और बिहार व पड़ोसी इलाकों में आतंकी कार्रवाई को अंजाम दिलाओ। इसके तहत घोड़ासहन में आइईडी प्लांट किया गया। लेकिन, जिन लोगों को रिमोट दबाना था वे उसे नहीं दबा पाए थे। 

पुलिस अधीक्षक ने पकड़े गए मोती पासवान व आदापुर के ही निवासी उमाशंकर प्रसाद व मुकेश यादव के बारे में बताया कि इनके आइएसआइ से संबंध होने के प्रमाण मिले हैं। इंटेलिजेंस ब्यूरो की टीम ने सभी से पूछताछ कर ली है।

रॉ व एनआइए को इस आशय की सूचना भेजी गई है। तीन लोग नेपाल में भी गिरफ्तार किए गए हैं। उनमें नेपाल के कलेया निवासी ब्रजकिशोर गिरी, शंभू उर्फ लड्डू और मोजाहिर अंसारी शामिल हैं। गिरफ्तार बदमाशों से पूछताछ के लिए एटीएस पटना की टीम मोतिहारी पहुंच गई है।