सरकार ने विपक्षी दलों की आपत्तियों को खारिज करते हुए चुनाव आयोग से कहा है कि 2017-18 के लिए आम बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा लेकिन इसमें उन राज्यों के लिए कोई विशेष घोषणा नहीं की जाएगी जहां विधानसभा चुनाव होने हैं। सरकार ने बजट को तय समय से एक महीने पहले पेश करने के अपने फैसले का निर्वाचन आयोग के समक्ष पुरजोर बचाव किया और कहा कि उसने अपनी मंशा सितंबर 2016 में ही स्पष्ट कर दी थी। सरकार ने कहा कि बजट पहले पेश किए जाने से सरकारी निवेश का चक्र नये वित्त वर्ष के पहले ही दिन से शुरू हो जाएगा।
सरकार के शीर्ष सूत्रों ने कहा, ‘एक फरवरी को बजट पेश करना पक्का है, हम चुनाव वाले राज्यों के लिए कोई विशेष घोषणा नहीं करेंगे।’ गौरतलब है कि कांग्रेस व तृणमूल कांग्रेस ने आम बजट एक फरवरी को पेश किए जान पर आपत्ति जताते हुए निर्वाचन आयोग में प्रस्तुति दी थी। पांच राज्यों में चार फरवरी से मतदान होना है। लेकिन सरकार अपने फैसले पर अडिग नजर आ रही है। सूत्रों ने कहा कि आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए बजट में उन राज्यों के लिए कोई घोषणा नहीं होगी जिनमें मतदान होना है। इनमें पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा व मणिपुर है।
संसद का बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण से होगा। उसी दिन वित्त मंत्री अरुण जेटली वर्ष 2016-17 की आर्थिक समीक्षा पेश करेंगे। एक फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा।