तेजस पहली बार परेड में शामिल
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 पहली बार हुआ, जब रिपब्लिक-डे के मौके पर दुनिया की सबसे ऊंची बिल्डिंग बुर्ज खलीफा तिरंगे जैसी रोशनी में नजर आया।

 रिपब्लिक डे से एक दिन पहले 823 मीटर ऊंची इस बिल्डिंग पर LED से तिरंगे की लाइटिंग की गई।

 बुर्ज खलीफा के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर भी भारत को रिपब्लिक डे की शुभकामनाएं दी गईं।

 

 68th रिपब्लिक-डे के दौरान राजपथ पर कई चीजें पहली बार नजर आईं। UAE की आर्मी पहली बार भारत की परेड का हिस्सा बनी। अबू धाबी के प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जाएद अल नाह्यां चीफ गेस्ट थे। देसी बोफोर्स कहलाने वाली तोप धनुष भी नजर आई। सुखोई-30 और ग्लोबमास्टर ने फ्लाइपास्ट किया। पहली बार भारत में बने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस राजपथ के ऊपर उड़ान भरी। रिपब्लिक डे परेड की 6 बड़ी बातें...

 ये पहली बार है जब भारत की रिपब्लिक-डे परेड पर यूएई की आर्मी नजर आई। यूएई ने परेड में हिस्सा लेने के लिए 144 जवान और 44 बैंड मेंबर्स की टीम आई। बता दें कि रिपब्लिक-डे पर फॉरेन आर्मी के परेड में शामिल होने का सिलसिला पिछले साल से शुरू हुआ था। तब पहली बार फ्रांस की आर्मी ने परेड में हिस्सा लिया था।

 देसी बोफोर्स कहलाने वाली धनुष तोप पहली बार राजपथ पर नजर आई। जबलपुर गन कैरिज फैक्ट्री में बनी धनुष की कीमत 14 करोड़ रु. से ज्यादा है। 

 धनुष की रेंज बोफोर्स से भी ज्यादा है। ये 38 किलोमीटर तक पार कर सका 45 कैलीबर की 155 मिलीमीटर और ऑटोमेटिक ‘धनुष’ बोफोर्स तोप की टेक्नीक पर बेस है।यह ऑटोमेटिक सिस्टम से खुद ही गोला लोड कर फायर कर देती है। कई घंटों तक फायरिंग के बाद भी बैरल गर्म नहीं होता।

नेशनल सिक्युरिटी गार्ड पहली बार परेड का हिस्सा बने। NSG अब तक रिपब्लिक डे की सिक्युरिटी का हिस्सा था।

 होम मिनिस्ट्री के अंडर में काम करने वाले NSG का काम काउंटर टेररिज्म, VVIPs की सिक्युरिटी होती है।

 राजपथ पर फ्लाई पास्ट में देश में बना फाइटर प्लेन तेजस दिखाई दिया। तेजस के लिए परेड में शामिल होने का यह पहला मौका है।

 इससे पहले देसी प्लेन के रूप में मारुत फ्लाई पास्ट करता था। 1971 की जंग में अहम भूमिका अदा कर चुके मारुत को 1990 में रिटायर किया गया था। 

 250 से 300 किमी रेंज की वाला तेजस एयरफोर्स में शामिल हो चुका है। यह महज 460 मीटर के रनवे पर टेकऑफ कर सकता है।

 तेजस एयर-टू-एयर और एयर-टू-सरफेस मिसाइल दागने में कैपेबल है। यह 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है।

 परेड में पहली बार एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AEW&CS) का प्रदर्शन किया गया।

 एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड अरै, इलेक्ट्रॉनिक सपोर्ट मीजर्स और कम्युनिकेशंस सपोर्ट मीजर्स जैसी टैक्नोलॉजी के चलते ये दुश्मन की खबर बहुत तेजी से देता है। 

 AEWS&CS टैक्नीक दुनिया में केवल 5 देशों के पास है।

 स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज की झांकी खादी इंडिया में ट्रेडिशनल वीवर्स पर फोकस किया गया। 

 सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स की झांकी में GST के बारे में बताया गया। GST को आजादी के बाद सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म बताया गया।

तिरंगे के रंग में बुर्ज खलीफा