जेटली का बजट -पांच लाख तक आय पर 5 फीसदी टैक्स
जेटली का बजट

 

 

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट भाषण में कहा कि देश में नकदी की प्रचुरता के कारण कर चोरी आम बात हो गई है। बड़ी संख्या में लोगों के कर चोरी करने से इसका भार उन लोगों पर पड़ता है, जो ईमानदारी के अपना कर चुकाते हैं।

जेटली ने इसके साथ ही कर्ज लेकर देश छोड़कर भागने वालों को लेकर नया कानून लाने की बात कही। इसके अलावा मध्यम वर्ग को आयकर में राहत दी गई है। जेटली ने कहा कि 99 लाख लोगों ने 2.5 लाख रुपए से कम आय दिखाई है। जबकि 1.25 लाख लोगों ने 50 लाख रुपए आय की घोषणा की है। सिर्फ 20 लाख व्यापारी ही 5 लाख की आय दिखाते हैं।

प्रावधान - उन्होंने कहा कि भगोड़ों के लिए नया कानून बनाया जाएगा, उनकी संपत्ति जब्त होगी।

असर- माल्या जैसे लोगों पर नकेल कसी जा सकेगी, जो कर्ज लेकर देश से फरार हो जाते हैं।

मध्यम वर्ग को बड़ी राहत

प्रावधान- जेटली ने कहा कि 2.5 से पांच लाख तक की आय वालों पर मामूली पांच फीसदी टैक्स लगाया गया है। पहले इस स्लैब में कर की दर 10 फीसदी थी, जिसे पांच फीसदी कर दिया गया है।

असर- मध्यम वर्ग के आम लोगों को राहत दी गई है। इसके साथ ही बड़ी संख्या में लोगों को कर देने के लिए प्रेरित किया गया है। कर की दर कम होने से ज्यादा संख्या में लोग ईमानदारी से कर देंगे।

नया स्लैब 

यानी तीन लाख रुपए तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा। पांच लाख रुपए से अधिक की आय पर 12,500 रुपए की छूट दी गई है। पांच से 10 लाख रुपए की आय पर 20 फीसदी और 10-20 लाख रुपए की आय पर 30 फीसदी टैक्स।

वहीं, 50 लाख रुपए से लेकर एक करोड़ रुपए तक की आय पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया जाएगा। तीन लाख से ज्यादा का कैश लेन-देन नहीं हो पाएगा। जेटली ने कहा कि सस्ते घरों की स्कीम जारी रहेगी। बिल्ड-अप एरिया को ही कारपेट एरिया माना जाएगा।

राजनीतिक पार्टियों परलगाम

राजनीतिक पार्टियां ज्यादातर चंदा नकद के रुप में लेती हैं। वर्तमान में 20 हजार रुपए तक हिसाब नहीं देना होता है। अब दो हजार रुपए से अधिक नकद में चंदा नहीं ले सकेंगी, इससे ज्यादा लेने पर हिसाब देना होगा।

50 करोड़ टर्नओवर तक की कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स पांच फीसदी घटाकर 25 फीसदी कर दिया गया है।