नारायणपुर के आकाबेड़ा पुलिस कैंप पर सोमवार देर रात नक्सलियों ने हमला कर दिया। दोनों ओर से दो घंटे चली गोलीबारी में पुलिस ने 10 नक्सलियों के मारे जाने की आशंका जताई है। घटना की पुष्टि एसपी अभिषेक मीणा ने की है। जानकारी के मुताबिक नक्सलियों ने पुलिस कैंप पर अचानक फायरिंग कर दी, इस पर पुलिस जवानों ने भी जवाबी फायरिंग की। रात में लगातार करीब दो घंटे तक गोलीबारी चलती रही। इस दौरान कमजोर पड़ रहे नक्सली भाग निकले। नक्सलियों के भागने के बाद जब पुलिस ने सर्चिंग की तो वहां खून के धब्बे मिले और हथियार बरामद किए गए हैं।
आकाबेड़ा में जिला स्तरीय जन समस्या निवारण शिविर का आयोजन किया जाना है। इसी को लेकर नक्सली विरोध कर रहे थे। उन्होंने आस-पास के गांव में बैठके कर ग्रामीणों को चेताया था कि जो भी शिविर में जाएगा उन्हें जन अदालत में सजा दी जाएगी। उन्होंने यह चेतावनी भी जारी कि थी कि ग्रामीण शिविर से दूरी बनाए रखें। दरअसल यह नक्सलियों का आधार क्षेत्र माना जाता है, जो अबूझमाड़ के बीच में स्थित है। यहां तीन महीने पहले ही पुलिस ने अपना कैंप लगाकर डीआरजी फोर्स को तैनात किया था।
कैंप पर हमले से पहले नक्सलियों ने यहां रेकी भी की थी। पुलिस के अनुसार करीब 40-50 की संख्या में थे। हमले के दौरान उन्होंने हाई एक्सप्लोसिव बम और मोर्टार भी दागे। इसके बाद जवानों ने जवाब में ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी तब नक्सली भाग खड़े हुए। हमले के बाद पुलिस सर्चिंग में नक्सलियों द्वारा उपयोग किए गए हथियार मिले हैं, वहीं पूरे इलाके में खून के धब्बे मिले है। पुलिस ने आशंका जताई है कि जवाबी फायरिंग में करीब 10 नक्सली मारे गए हैं, जिनके शवों को उनके साथी अपने साथ लेकर फरार हो गए।
इसके पहले भी कस्तूरमेटा में होने वाले जनसमस्या निवारण शिविर का नक्सली विरोध कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने शिविर के शुरू होने के कुछ समय पहले ही यहां विस्फोट कर दिया। घटना के बाद आकाबेड़ा और आस-पास के गांवों में दहशत का माहौल है। अब अधिकारी-कर्मचारी और ग्रामीण भी जनसमस्या निवारण शिविर में जाने को लेकर डरे हुए है। उधर पुलिस का कहना है कि हम सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराएंगे और शिविर होकर रहेगा।