ओम का स्वरूप साकार हुआ ओंकारेश्वर में
ओम का स्वरूप

\'नमामि देवि नर्मदे\'\'-सेवा यात्रा के दौरान आज ओंकारेश्वर में \'ओम\'\' के आकार का अदभुत दृश्य बना। वास्तव में यह दृश्य ओंकारेश्वर की परिकल्पना को साकार कर रहा था। यह प्रसंग उस समय उपस्थित हुआ, जब मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ओंकारेश्वर में शाम को नर्मदा तट अभय-घाट पर आरती में शामिल हुए। इस मौके पर दूसरे तट पर दीप प्रज्जवलित कर \'ओम\'\' का आकार बनाया गया था। यह दृश्य देखकर उपस्थित जन-समुदाय ने करतल ध्वनि के साथ हर्ष व्यक्त किया। भाव-भक्ति से पूर्ण इस कार्यक्रम को दीपों के \'ओम\'\' ने और अधिक भव्य बना दिया था।

 चौहान ने की नर्मदा कलश की अगवानी

\'त्वदीय पाद पंकजम, नमामि देवी नर्मदे\'\' का गान करते हुए आगे चल रहे रथ, फिर कलश लिये महिलाएँ, इनके पीछे ढोल-ढमाकों के साथ नाचते भक्त-गण और फिर नर्मदा कलश और ध्वज के साथ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, उनकी धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह, मंत्री, विधायक, अन्य जन-प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और अंत में अपार जन-समूह। यह था \'नमामि देवी नर्मदे\'\' -सेवा यात्रा का खंडवा जिले के ग्राम कोटी से शिव नगरी ओंकारेश्वर तक का विहंगम दृश्य। यात्रा के दोनों ओर खड़े होकर लोगों ने पुष्प-वर्षा कर यात्रा का स्वागत किया।

यह अनूठा दृश्य ऐसा लग रहा था जैसे नर्मदा माँ स्वयं कल-कल करती साथ चल रही हैं। यात्रा में वन मंत्री श्री गौरीशंकर शेजवार, महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस, तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी, सांसद श्री नन्दकुमार सिंह चौहान और विधायक, राष्‍ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह श्री सुरेश सोनी बारी-बारी से कलश और ध्वज लेकर यात्रा में चले।

यात्रा में झिरण्या की किन्नर रूबी नर्मदा कलश लेकर चलीं। उनके साथ किन्नर नरगिस मौसी और संतो भी यात्रा में शामिल रही।

यात्रा का प्रभाव और उसकी महिमा पूरे प्रदेश में व्याप्त है। उज्जैन से यात्रा में शामिल होने दिव्यांग 16 वर्षीय श्री रोहित बैरागी भी आए थे। उन्होंने बताया कि भले हमारे यहाँ से नर्मदा नदी नहीं निकलती लेकिन हम सब इस पुण्य कार्य में सहभागी बनना चाहते हैं।

यात्रा के ओंकारेश्वर पहुँचने पर स्वामी अवधेशानंद गिरिजी महाराज ने स्वागत किया। यात्रा में साधु-संत, स्कूली बच्चे, महिलाएँ, बुर्जुग सभी पूरे उत्साह के साथ शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री चौहान का पूरे मार्ग में जगह-जगह फूल माला और शॉल-श्रीफल से स्वागत हुआ।

यात्रा में अधिकांश लोग मुख्यमंत्री और नर्मदा कलश के साथ सेल्फी लेने के लिये आतुर थे। हर कोई नर्मदा कलश की एक झलक पाने को आतुर था।