विदेशी पैसे से फ़ोर्स को बदनाम कर रहे हैं मानवाधिकारवादी
आईजी एसआरपी कल्लूरी

कल्लूरी ने रायपुर में दी आमद 

आईजी एसआरपी कल्लूरी ने नया रायपुर स्थित पुलिस मुख्यालय पहुंचकर डीजीपी एएन उपाध्याय से मुलाकात की। उन्होंने पीएचक्यू में आमद दे दी है, पर देर शाम तक उनकी भूमिका नहीं तय हो पाई थी। 

कल्लूरी ने मीडिया से चर्चा की। उन्होंने कहा-सरकार ने जो भी निर्णय लिया है, मैं उसके साथ हूं। यह सामान्य प्रशासनिक फेरबदल है। बस्तर से मुझे हटाए जाने को अलग नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। बस्तर में विकास हुआ है। सड़कें, पुल, स्कूल, अस्पताल खुले हैं। हाट बाजार में रौनक आ गई। देश-विदेश में भारी बदनामी और विरोध के बावजूद हमने सरेंडर के लिए नक्सलियों को प्रेरित करना नहीं बंद किया। इस काम को मिशन मोड में किया।

उन्हाेंने कहा कि नोटबंदी पर राज्य सभा में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इसकी तारीफ की। मुख्यमंत्री और सरकार ने मेरी हर कदम पर मदद की, पूरा समर्थन किया। मैं सरकार के निर्णय के साथ हूं। हम बस्तर में बदलाव लाने में सफल रहे। मिशन 2016 शानदार रहा। आगे भी अच्छा होगा। उन्हांने कहा-मैं मानता हूं कि आंतरिक सुरक्षा पर नक्सली गंभीर खतरा हैं। इन्हें बेरहमी से कुचलने की जरूरत है।

कल्लूरी ने कहा कि हमारे जवान जंगल में जान हथेली पर लेकर मुकाबला कर रहे हैं, ताकि संविधान और प्रजातंत्र बचा रहे, लेकिन मानवाधिकारवादी विदेशों से पैसे लेकर फोर्स को बदनाम कर रहे हैं। यह उनका धंधा है। उन्होंने कहा-मुझे बस्तर से हटाने में साजिश भी हो सकती है, पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं बीमार था पर अब फिट हूं। यहां भी बेहतर करने की कोशिश करूंगा। बस्तर में जनता जाग गई है। अब नक्सलवाद का खात्मा निश्चित है।

बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ जनता लड़ रही है। अग्नि, बस्तर संघर्ष समिति और दूसरे संगठनों को सुरक्षा दी जानी चाहिए। हालांकि अभी अग्नि को भंग कर दिया गया है पर जिन लोगों ने नक्सलवाद से लड़ाई में पुलिस का साथ दिया उनकी सुरक्षा की मांग मैं सरकार से करूंगा।