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मध्यप्रदेश में संचालनालय पुरातत्व ने विरासत एवं धरोहरों को सहेजने, उनके संरक्षण, प्राचीन संस्कृतियों के अध्ययन एवं उन्हें जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से सरदार सरोवर परियोजना के डूब से प्रभावित होने वाले 33 मंदिरों एवं स्मारकों के पुर्नस्थापन का कार्य किया है।
इनमें शिव मंदिर, छोटी कसरावद, शिव मंदिर रोली गाँव, नर्मदेश्वर मंदिर डेहर, कलंजेश्वर मंदिर सोमल्दा, शंकर मंदिर कोठड़ा, शिव मंदिर हरसूद और शिव मंदिर धारी कोटला प्रमुख हैं।
अठारहवीं शती का नागर शैली में निर्मित शिव मंदिर मूल रूप से ग्राम छोटी कसरावद जिला बड़वानी में नर्मदा नदी के दक्षिण तट पर स्थित था। नर्मदा नदी के तट पर 40 फीट लम्बे एवं 30 फीट चौड़े चबूतरे पर निर्मित यह मंदिर 30 फीट लम्बा और 18 फीट चौड़ा है। इसकी अधिष्ठान से शिखर तक की ऊँचाई 36 फीट है। इस मंदिर के भू-विन्यास में अर्ध-मण्डप, चार स्तंभों पर मण्डप, अंतराल एवं गर्भगृह है। ऊँचे चबूतरे पर निर्मित यह मंदिर पंचरथी है। मंदिर के वर्गाकार गर्भगृह में शिवलिंग एवं मण्डप में नंदी स्थापित है। मंदिर सरदार सरोवर परियोजना के डूब क्षेत्र में होने के कारण इसे ग्राम छोटी कसरावद के नवीन बसाहट स्थल पर पुर्नस्थापित किया गया है।
MadhyaBharat
12 February 2017
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