प्रसिद्द पंडवानी गायक पद्मश्री पूनाराम निषाद के निधन पर उनके परिजनों से मिलने गए मरवाही विधायक अमित जोगी ने उनके इलाज के दौरान हुई लापरवाही और अमानवीय व्यवहार की कड़ी निंदा की है। देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्राप्त व छत्तीसगढ़ का नाम देश विदेश में रोशन करने वाले, पद्मश्री पूनाराम जी दर्द से करहा रहे थे और डॉक्टरों ने परिजनों से कहा कि \"पेट दर्द है तो क्या इनका पेट फाड़ दें \"? अमित जोगी ने कहा कि ये रव्वैया सरकार की छत्तीसगढ़ विरोधी मानसिकता का परिचायक है। जो बॉलीवुड अभिनेत्री करीना कपूर पर तो 8 मिनट के डेढ़ करोड़ लुटाती है लेकिन छत्तीसगढ़ के एक प्रख्यात लोक कलाकार के लिए एक फूटी कौड़ी की मदद करना तो दूर उल्टा उनके साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार किया जाता है जिससे वो इलाज और पैसे के आभाव में तड़प तड़प कर मर जाते हैं। अमित जोगी ने पूनाराम निषाद की मौत को सरकारी हत्या करार देते हुए उनके इलाज के दौरान हुई लापरवाही की न्यायिक जांच और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है।
अमित जोगी ने कहा कि पूनाराम जी के परिजन मदद मांगने बार बार मुख्यमंत्री कार्यालय जाते रहे, यहाँ तक कि वो मुख्यमंत्री से भी मिले लेकिन उन्होंने मदद करने से केवल इसलिए इनकार कर दिया क्योंकि उनके पास आवेदन की प्रति नहीं आयी थी। परिजनों ने मंत्रियों से लेकर मुख्यमंत्री तक सब से गुहार लगाई लेकिन सभी ने टाल दिया। जोगी ने कहा कि स्थिति गंभीर होने के बावजूद पूनाराम जी को आईसीयू में रखने के बजाय आंबेडकर अस्पताल के जनरल वार्ड में बाथरूम के बगल में जगह दी गयी। भर्ती के बाद न उन्हें बेड दिया गया और न ही चादर दी गई। इसके चलते रातभर वे स्ट्रेचर पर ही पड़े रहे। दूसरे दिन भी इलाज शुरू नहीं किया गया। अंतत: तीसरे दिन पेट दर्द से कराहते उनके प्राण उखड़ गए। शव उठाने के लिए कोई वार्ड बॉय नहीं था। जोगी ने कहा कि ऐसी सरकार के रहने का क्या औचित्य जो अपने राज्य की कला और संस्कृति के गौरव के साथ ही असंवेदनशील और अमानवीय वयवहार करे।
अमित जोगी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोक कलाकार रमन राज में तिरस्कृत और अपमान भरा जीवन जीने मजबूर हैं। राज्य सरकार बॉलीवुड कलाकारों को जो देना है दे लेकिन स्थानीय कलाकारों की अवमानना उचित नहीं है । *राज्योत्सव में जहाँ सोनू निगम और बड़े कलाकारों को करोड़ों दिए जाते हैं वहीँ छत्तीसगढ़ के स्थानीय कलाकारों के साथ भेदभाव और अपमानजनक व्यवहार होता है। जोगी ने कहा कि छत्तीसगढ़ विरोधी इस मानसिकता का अंत जल्द ही होगा। 2018 में जोगी सरकार बनते ही छत्तीसगढ़ की लोक कला, कलाकार और संस्कृति को सर्वोच्च स्थान और सम्मान पुनः मिलेगा।