मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी अलंकरण समारोह में राज्यपाल कोहली
राज्यपाल श्री ओम प्रकाश कोहली ने आज साहित्यकारों को सम्मानित करते हुए कहा कि आज का युग परिवर्तन का युग है। हमारे साहित्य और सभ्यता को दबाने की कोशिश की जा रही है। युवाओं को भौतिकवाद का प्रलोभन देकर अपने साहित्य, संस्कृति और सभ्यता से दूर किया जा रहा है। ऐसे समय में साहित्यकारों को उपस्थित चुनौतियों से देश को निकालने के लिए अपनी भागीदारी को सूझ-बूझ और कर्मठता से निभाना होगा। राज्यपाल ने अखिल भारतीय और प्रादेशिक साहित्य पुरस्कारों से साहित्यकारों को सम्मानित किया।
राज्यपाल श्री कोहली ने कहा कि साहित्य अकादमी के पाठक मंच जैसे कार्यक्रम महाविद्यालयों और प्रदेश के बड़े शिक्षा केन्द्रों में भी शुरू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा साहित्य बहुत विशाल, प्राचीनतम और विश्वसनीय है। हमारे देश के कई साहित्यकारों ने स्वतंत्रता आंदोलन में जो बलिदान दिया है, वह भुलाया नहीं जा सकता है। आज मुझे इस बात की भी प्रसन्नता है कि जिन रचनाकारों के नाम पर पुरस्कार दिये जा रहे हैं, वे सब देश की स्वतंत्रता से कहीं न कहीं जुड़े रहे हैं।
अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संगठन मंत्री श्री श्रीधर पराड़कर ने कहा कि आज भी अच्छा और शिक्षाप्रद साहित्य पाठकों को आकर्षित करता है। आवश्यकता अच्छे और शिक्षाप्रद साहित्य को बढ़ावा देने की है। श्री पराड़कर ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण ही नहीं अर्पण भी है।
प्रमुख सचिव संस्कृति श्री मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि साहित्य अकादमी द्वारा वरिष्ठ और पूर्वज साहित्यकारों के जन्मोत्सव मनाये जायेंगे। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि पुरस्कारों को नियमित करने तथा राशि बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के अच्छे रचनाकारों के साहित्य को एकत्रित कर प्रकाशित किया जायेगा।
इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री एम. मोहन राव, संस्कृति आयुक्त श्री राजेन्द्र प्रसाद मिश्रा और निदेशक डॉ. उमेश कुमार सिंह उपस्थित थे। अलंकरण समारोह साहित्य अकादमी एवं मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद द्वारा किया गया। समारोह में बड़ी संख्या में साहित्यकार और साहित्य-प्रेमी उपस्थित थे।