विद्यार्थियों में शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार भी जरूरी
 राजेन्द्र शुक्ल

उद्योग मंत्री  शुक्ल ने रीवा में \"भारत माता की जय\'\' से की \"मिल-बॉचें म.प्र.\'\' की शुरूआत 

वाणिज्य-उद्योग मंत्री  राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि विद्यार्थियों में शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि संस्कार हमें अपने माता-पिता, गुरू, परिवार के सदस्यों के साथ अच्छे एवं आदर भाव रखने और सदमार्ग पर चलना सिखाते हैं। श्री शुक्ल  रीवा में \'मिल-बाँचें मध्यप्रदेश\'\' कार्यक्रम में शासकीय प्रवीण कुमारी हाई स्कूल में 8वीं कक्षा की छात्राओं को पढ़ा रहे थे।

उद्योग मंत्री ने \'भारत माता की जय\'\' के नारे से छात्राओं को पढ़ाना शुरू किया। शिक्षक के रूप में श्री शुक्ल ने छात्राओं को पढ़ाया। इसके बाद गुरू द्रोणाचार्य के शिष्यों की कहानी कहानी सुनाई। उन्होंने बताया कि गुरू द्रोणाचार्य ने जब पक्षी पर निशाना लगाने की बात कही तो जहाँ युधिष्ठिर और भीम को पक्षी दिखाई दिया वहीं अर्जुन को सिर्फ पक्षी की आँख दिखी। इसकी सीख यह है कि हमें अपने लक्ष्य के अलावा अन्य की तरफ ध्यान नहीं रखना चाहिए।

उद्योग मंत्री ने छात्राओं से मन लगाकर पढ़ने की बात कही। परीक्षा की तैयारी के विषय में पूछा तथा कहा कि जब पढ़े तो पूरी एकाग्रता और तल्लीनता से करें। घर में भी मन लगाकर पढ़े। समाज में बेटियों का स्थान सर्वोपरि है। मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बेटियों के उत्थान के लिये कई योजनाएँ तथा कार्यक्रम संचालित है। \'मिल-बांचें कार्यक्रम\'\' भी एक पहल है, जिसमें हर वर्ग के व्यक्ति विद्यालयों में जाकर पढ़ा रहे हैं। इससे एक ओर जहाँ विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ता है, वहीं वह अच्छे संस्कार और शिक्षा ग्रहण करते हैं। श्री शुक्ल ने विद्यालय में व्यवस्थाओं की जानकारी भी ली।

श्री शुक्ल ने अन्य कक्षओं में जाकर छात्राओं से शैक्षणिक व्यवस्था के बारे में पूछताछ की। प्राचार्य को स्कूल मैदान को व्यवस्थित कर सुधार कार्य करवाने के लिये कहा। मुख्यमंत्री का संदेश भी छात्राओं को पढ़कर सुनाया गया।

छात्राओं को पढ़ाने पहुँचे उद्योग मंत्री ने बताया कि प्राथमिक शिक्षा के दौरान इसी विद्यालय में उन्होंने पढ़ाई की थी।

छात्रा कुमारी संध्या द्विवेदी ने श्री शुक्ल से पूछा कि राजनीति में आने के लिये किन-किन गुणों का होना आवश्यक है। उद्योग मंत्री ने बताया कि राजनेता में सेवाभाव का होना अति आवश्यक है। दूसरों के दुख-दर्द को समझे और संवेदनशील होकर उसे दूर करने का काम करे, तभी वह जनता का विश्वास जीतने में सफल हो पायेगा। श्री राजेन्द्र शुक्ल ने सुश्री निधि मिश्रा द्वारा लिखित ‘कुछ बातें’ पुस्तक का विमोचन किया।