मध्यप्रदेश के कोलेजों में ऑन-लाइन एडमिशन
राजेश पाण्डेय मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जहाँ महाविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2012-13 से ऑन-लाइन प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। ऑन-लाइन प्रवेश प्रक्रिया अपनाने से प्रदेश के विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों को अनेक परेशानियों से मुक्ति मिली है। महाविद्यालयों एवं उनमें संचालित पाठ्यक्रमों की जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध है। विद्यार्थियों को अलग-अलग महाविद्यालयों में जाकर आवेदन करने की जरूरत भी नहीं है। विद्यार्थियों को घर बैठे 24 घंटे प्रवेश की सुविधा है। सभी को प्रवेश के समान अवसर मिल सकेंगे। प्रवेश का आधार केवल मेरिट होने से पारदर्शिता, निष्पक्षता एवं गुणवत्ता सुनिश्चित हो सकेगी। इसके साथ ही अकादमिक कैलेण्डर का पालन होने से विद्यार्थियों को अनावश्यक तनाव से मुक्ति मिलेगी।उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने प्रदेश में आई.टी. विशेषज्ञों और शिक्षाविदों से व्यापक विचार-विमर्श के बाद ही विद्यार्थी हित में इस प्रक्रिया को अपनाने पर सहमति दी है। उच्च शिक्षा मंत्री श्री शर्मा महाविद्यालयों में ऑन-लाइन प्रवेश प्रक्रिया जारी रखने के लिये पूरी तौर पर कटिबद्ध भी हैं। यह उन्होंने हर स्तर पर इस संबंध में जारी दिशा-निर्देशों में व्यक्त किया है।उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सभी अधीनस्थ शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2012-13 से स्नातक प्रथम सेमेस्टर एवं स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर में ऑन-लाइन प्रवेश प्रक्रिया अपनाई जा रही है। स्नातक प्रथम सेमेस्टर में ऑन-लाइन प्रवेश प्रक्रिया 20 मई से प्रारंभ की गई है। प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ करने के पूर्व इससे जुड़े कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिलवाने के साथ ही विस्तृत दिशा-निर्देशों की एक पुस्तिका भी जारी की गई है। विद्यार्थियों की सुविधा के लिये एक फ्लो-चार्ट भी उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। प्रक्रिया के प्रथम चरण में सभी महाविद्यालयों एवं उनमें संचालित पाठ्यक्रमों का पंजीयन किया गया। दूसरे चरण में विद्यार्थियों का ऑन-लाइन पंजीयन शुरू किया गया।आवेदन-शुल्कविद्यार्थी को आवेदन-शुल्क 50 रुपये प्रति महाविद्यालय के हिसाब से भुगतान करना होगा। आवेदक अधिकतम 9 महाविद्यालय का चयन कर सकेगा। किसी एक महाविद्यालय में एक से अधिक पाठ्यक्रमों का चयन करने पर पंजीयन शुल्क एक महाविद्यालय का ही देय होगा। पंजीयन शुल्क का भुगतान किये बिना भी आवेदक अपने दस्तावेजों का सत्यापन प्रदेश के किसी भी शासकीय महाविद्यालय में करा सकेंगे, लेकिन अंतिम तिथि तक उन्हें पंजीयन शुल्क का भुगतान अनिवार्यतः करना होगा। पंजीयन शुल्क का भुगतान करने के लिये इंटरनेट बैंकिंग अथवा चालान द्वारा भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ोदा तथा सेंट्रल बैंक की किसी भी शाखा में किया जा सकेगा।आवेदन का सत्यापनआवेदन का सत्यापन करने वाले शिक्षकों को लॉग इन आई.डी. एवं पास वर्ड आवंटित किया गया है। इससे सत्यापन संबंधी रिकार्ड का संधारण ऑन-लाइन हो सकेगा एवं सत्यापन की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जा सकेगी। महाविद्यालय किसी ऐसे आवेदक को प्रवेश नहीं दे सकेंगे, जिसका पंजीयन एवं दस्तावेजों का सत्यापन अंतिम तिथि तक न हुआ हो।सीट आवंटन आवेदकों द्वारा व्यक्त वरीयता एवं उनकी मेरिट के आधार पर किया जायेगा। आवंटन संबंधी जानकारी आवेदकों को उनके द्वारा दर्ज मोबाइल एवं ई-मेल पर दी जायेगी। प्रवेश के लिये मान्य प्रमाण-पत्रों के आधार पर अधिभार दिया जायेगा। संबंधित प्रमाण-पत्र के कोड एवं अधिभार का प्रतिशत वेबसाइट पर उपलब्ध है। किसी एक प्रमाण-पत्र पर ही अधिभार दिया जायेगा।समस्या समाधान के लिये सहायता प्रकोष्ठशासकीय महाविद्यालयों में आवेदकों की सहायता के लिये सहायता केन्द्र एवं दस्तावेज सत्यापन केन्द्र स्थापित किये गये हैं। सहायता केन्द्र पर आवेदक आवेदन-पत्र ऑन-लाइन भरने के साथ ही आवश्यक संशोधन भी कर सकते हैं। इस कार्य के लिये आई.टी. दक्ष विद्यार्थियों को भी जोड़ा गया है। समस्याओं के समाधान के लिये भोपाल में भी केन्द्रीय सहायता प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। इस प्रकोष्ठ के फोन नम्बर 0755-2551698, 2551653 हैं। आवेदकों द्वारा बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्नों के समाधान भी उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिये गये हैं।प्रवेश प्रक्रियाविद्यार्थी ऑन-लाइन आवेदन करने के बाद किसी भी शासकीय महाविद्यालय में आवश्यक दस्तावेजों का सत्यापन करा सकते हैं। सत्यापन के दौरान कोई कमी पाये जाने पर उसे पूरा कर पुनः सत्यापन करा सकते हैं। सत्यापन नहीं करवाने पर आवेदन-पत्र मान्य नहीं होगा। विद्यार्थी को आवंटित महाविद्यालय में उपस्थित होकर अर्हता संबंधी औपचारिकताएँ पूरी करने और शुल्क जमा करने पर ही प्रवेश मान्य होगा। आवंटित पाठ्यक्रम या महाविद्यालय में प्रवेश नहीं चाहने पर पुनः ऑन-लाइन अपग्रेडेशन विकल्प देने पर आवेदक को रिक्त सीटों में से आवंटन किया जायेगा। आवंटन अप्राप्त एवं आवंटित पाठ्यक्रम या महाविद्यालय में प्रवेश नहीं चाहने वाले आवेदक रिक्त सीटों के लिये पुनः ऑन-लाइन पसंद दर्ज करेंगे। अंत में आवंटन नहीं मिलने एवं आवंटित पाठ्यक्रम अथवा महाविद्यालय में प्रवेश नहीं चाहने वाले आवेदक रिक्त रही सीटों के लिये महाविद्यालय स्तर पर होने वाली काउंसलिंग में सम्मिलित होकर गुणानुक्रमानुसार प्रवेश प्राप्त कर सकेंगे। शुल्क नहीं जमा करने या अर्हता पूर्ण नहीं करने पर प्रवेश स्वतः निरस्त हो जायेगा।उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट www.mphighereducation.nic.in पर भी प्रवेश प्रक्रिया को देखा जा सकता है।20 अल्पसंख्यक अशासकीय महाविद्यालय इस प्रक्रिया से मुक्तउच्च शिक्षा विभाग द्वारा 20 अल्पसंख्यक अशासकीय महाविद्यालय को ऑन-लाइन प्रवेश प्रक्रिया से मुक्त रखा गया है। उच्च शिक्षा विभाग ने भोपाल स्कूल ऑफ सोशल साइंस भोपाल, गाँधी पी.आर. महाविद्यालय भोपाल, सेंट पॉल कॉलेज जबलपुर, क्रिश्चियन एमिनेंट कॉलेज इंदौर, विक्टोरिया कॉलेज ऑफ एजुकेशन भोपाल, विक्टोरिया कॉलेज ऑफ एजुकेशन इंदौर, सेंट अलॉयसेंस कॉलेज जबलपुर, श्री लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय गंजबासौदा, जैन महाविद्यालय भिण्ड, जी.पी.व्ही. डिग्री कॉलेज छतरपुर, जे.आर.के. कन्या डिग्री कॉलेज नीमच, दानियल्सन महाविद्यालय छिन्दवाड़ा, सैफी गोल्डन जुबली कादरिया महाविद्यालय बुरहानपुर, कुसमबाई जैन कन्या महाविद्यालय भिण्ड, विद्या सागर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट भोपाल, इंदौर स्कूल ऑफ सोशल वर्क इंदौर, रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एण्ड एडवांस्ड स्टडीज रतलाम और अरिहंत कॉलेज इंदौर को ऑन-लाइन प्रवेश प्रकिया से मुक्त रखा गया है।इस तरह से इस प्रक्रिया के माध्यम से जहाँ विद्यार्थियों में आई.टी. के क्षेत्र में रुचि बढ़ेगी, वहीं निष्पक्षता और पारदर्शिता के कारण ऑन-लाइन प्रवेश प्रक्रिया उच्च शिक्षा के गुणात्मक सुधार में मील का पत्थर साबित होगी।