ज्यादातर कांग्रेसियों के लिए राहुल गांधी पार्टी का भविष्य हैं लेकिन दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित की मानें तो राहुल गांधी अब भी मेच्योर नहीं हैं और उन्हें अभी और वक्त की जरुरत है.
अंग्रेजी अखबार \'द टाइम्स ऑफ इंडिया\' को दिए इंटरव्यू में शीला ने कहा, \'सियासत में तेजी से बदलते तेवर, भाषा और रिश्तों से पार्टी तालमेल बिठा रही है. आपको याद रखना होगा कि राहुल गांधी अब भी परिपक्व नहीं हैं. उनकी उम्र इस बात की इजाजत नहीं देती. उन्हें और वक्त मिलना चाहिए. कांग्रेस गरीबों की राजनीति में यकीन रखती है. राहुल किसानों की बात करने वाले इकलौते राष्ट्रीय नेता हैं.\' दीक्षित के मुताबिक राहुल गांधी ने सियासत में लंबा वक्त फासला तय किया है और उनके पास पीएम बनने के कई मौके आएंगे.
पूर्व मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि राहुल गांधी को इस साल ही पार्टी का अध्यक्ष बनाया जा सकता है. उनके मुताबिक, \'इस फैसले को राहुल गांधी की मंजूरी का इंतजार है. मुझे लगता है पार्टी चुनाव खत्म होने के बाद ये कदम उठाएगी.
दीक्षित ने इंटरव्यू में प्रियंका गांधी की जमकर तारीफ की. उनकी नजर में प्रियंका एक संवेदनशील और बुद्धिमान नेता हैं और लोगों को बेहद ध्यान से सुनती हैं. उन्होंने खामोशी से यूपी में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन को शक्ल दी है. हालांकि प्रियंका के सक्रिय राजनीति में आने पर उन्होंने कुछ नहीं कहा.
शीला दीक्षित ने इन कयासों का भी खंडन किया कि वो यूपी में चुनाव प्रचार नहीं कर रही हैं. उनकी मानें तो वो पार्टी के कार्यक्रम के मुताबिक अपना योगदान दे रही हैं और पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे वो पूरा करेंगी. लिहाजा ये नहीं माना जाना चाहिए कि उन्होंने सियासत से रिटायरमेंट ले ली है.