सोयाबीन के मामले में एम पी गजब है
प्रदेश में खरीफ फसलों की अभूतपूर्व बोवाईप्रदेश में वर्ष 2012 में खरीफ फसलों की रेकार्ड बोवाई हुई है। किसान-कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के अनुमान के अनुसार इस वर्ष 116 लाख 25 हजार हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बोवाई की गई है, जो अनुमानित लक्ष्य 114 लाख 70 हजार से एक लाख 55 हजार हेक्टेयर अधिक है। पिछले साल खरीफ 2011 में 114 लाख 80 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें बोई गई थीं। इस वर्ष पूरे प्रदेश में किसानों को समय पर खाद-बीज, दवाएँ और अन्य साधन उपलब्ध करवाये जाने से अनुमानित लक्ष्य से अधिक बोवाई की गई है।मध्यप्रदेश सोयाबीन के क्षेत्रफल और उत्पादन में पूरे देश में सबसे आगे हैं। सोयाबीन के लगातार बढ़ रहे दामों के चलते इस वर्ष सोयाबीन बोवाई का नया कीर्तिमान स्थापित हुआ है। गत वर्ष सोयाबीन 57 लाख 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बोया गया था, जो इस बार 58 लाख 12 हजार हेक्टेयर में बोया गया है। इसी प्रकार धान 16 लाख 65 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में लगाई गई है।इस बार ज्वार अनुमानित लक्ष्य 4 लाख 20 हजार हेक्टेयर के विरुद्ध 3 लाख 51 हजार हेक्टेयर में बोई गई है। मक्का अपने निर्धारित लक्ष्य 8 लाख 44 हजार हेक्टेयर से अधिक 9 लाख 4 हजार हेक्टेयर में बोई गई है। इस प्रकार अनाज फसलों की बोवाई पूर्व अनुमानित लक्ष्य 33 लाख 31 हजार हेक्टेयर के करीब 32 लाख 92 हजार हेक्टेयर रही है।दलहनी फसलों में तुअर 5 लाख 46 हजार हेक्टेयर, उड़द 6 लाख 59 हजार हेक्टेयर और मूंग एक लाख 16 हजार हेक्टेयर में बोई गई है, जो लक्ष्य के साथ-साथ गत वर्ष की बोवाई से भी अधिक है। मूँगफली का रकबा 2 लाख 25 हजार हेक्टेयर, तिल 2 लाख 68 हजार हेक्टेयर तथा रामतिल 78 हजार हेक्टेयर में होने का अनुमान है। रामतिल को छोड़कर सभी तिलहनी फसलें लक्ष्य की तुलना में अधिक बोई गई हैं। इनके अतिरिक्त केवल कपास ही उम्मीद से 50 हजार हेक्टेयर कम रहा, इसे 6 लाख 57 हजार हेक्टेयर में बोये जाने का अनुमान था, किन्तु कपास उत्पादक क्षेत्रों में वर्षा में हुई देरी के कारण बोवाई प्रभावित हुई है।