श्री श्री रविशंकर द्वारा आनंद मंत्रालय शुरू करने की सराहना
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नर्मदा सेवा यात्रा का एक और उद्देश्य यह भी है कि मालवांचल को रेगिस्तान बनने से रोका जाये। उन्होंने कहा कि नर्मदा नदी के पानी को मालवांचल के बड़े-बड़े शहरों में पहुँचाया गया है। धार जिले के साथ ही इस पूरे अंचल में खेतों के हरे-भरे होने का कारण माँ नर्मदा नदी ही हैं। श्री चौहान आज धार जिले के बाकानेर में जन-संवाद को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित ऑर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने प्रदेश में आनंद मंत्रालय बनाने की सराहना की।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा नदी प्रदेश की जीवन-रेखा है, इसके बगैर जीवन की कल्पना करना ही संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि नर्मदा के जल को सहेजना हम सभी की जिम्मेदारी है। इसे प्रदूषण से मुक्त करने में जन-सहयोग जरूरी है। उन्होंने लोगों का आव्हान किया कि वे नदी को स्वच्छ बनाने और हरियाली चुनरी ओढ़ाने में सहयोग करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा का जल मालवा सहित पूरे प्रदेश में ले जाया जायेगा। इसके जल से प्रदेश की 30 प्रतिशत से अधिक जमीन को सिंचित किया जा सकेगा। आज प्रदेश की कृषि विकास दर पिछले 4 वर्ष से 20 प्रतिशत अधिक है, तो इसके पीछे भी नर्मदा मैया हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार की योजना है कि सभी शहरी क्षेत्र में पाइप लाइन के जरिये नर्मदा जल पहुँचाया जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा के दौरान वन और राजस्व की जमीन पर व्यापक पैमाने पर वृक्षारोपण किया जायेगा। उन्होंने किसानों को बताया कि अगर वे अपनी जमीन पर वृक्ष लगायेंगे, तो उन्हें 3 साल तक 20 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा और 40 प्रतिशत की सब्सिडी भी दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि नर्मदा के किनारे ट्रीटमेंट प्लांट लगाये जायेंगे, पूजन-सामग्री विसर्जन कुण्ड और दाह संस्कार के लिये मुक्तिधाम बनाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि स्नान-घाट पर महिलाओं के लिये चेंजिंग-रूम भी बनाये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि 31 मार्च से नर्मदा तट के उत्तर और दक्षिण, दोनों तरफ के 5 किलोमीटर क्षेत्रफल में आने वाली शराब की दुकानों को बंद कर दिया जायेगा।
\'नमामि देवि नर्मदे\'\'-सेवा यात्रा में विशेष रूप से शामिल होने आये सुप्रसिद्ध संत और ऑर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आनंद मंत्रालय शुरू कर एक अच्छी पहल की है। उन्होंने इसकी सराहना करते हुए कहा कि इसके जरिये मुख्यमंत्री ने वस्तु भोग ही नहीं, बल्कि मन की अवस्था को प्रसन्न रखने की भी पहल की है।
श्री श्री रविशंकर महाराज ने कहा कि सनातन धर्म में जल और थल संरक्षण की महान परम्परा रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नर्मदा के संरक्षण की यात्रा से इसी परम्परा को निभाया है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण बचाने के लिये प्रत्येक नागरिक पाँच पौधे लगाये। श्री श्री ने कहा कि सबके कल्याण की भावना से मध्यप्रदेश में हो रहा काम सराहनीय है।
आचार्य पुण्डरीक गोस्वामी ने कहा कि मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण ने यमुना जी को कालिया नाग के जहर रूपी प्रदूषण से मुक्त करवाया था। इसी प्रकार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान नर्मदा जी को प्रदूषण से मुक्त करवाने का माध्यम बने है। सुप्रसिद्ध गांधीवादी विचारक श्री सुब्बाराव ने कहा कि स्वतंत्रता का आशय नागरिकों को ईमानदार और चरित्रवान होना चाहिये, यही हमारी सच्ची स्वतंत्रता है। आरएसएस के प्रांतीय प्रचारक श्री पराग अभ्यंकर ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
इस मौके पर पशुपालन मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य, सांसद श्रीमती सावित्री ठाकुर, पूर्व मंत्री और विधायक श्रीमती रंजना बघेल, श्री भंवर सिंह शेखावत, श्री मथुरालाल और जिला पंचायत धार की अध्यक्ष श्रीमती मालती मोहन पटेल भी उपस्थित थीं। संचालन राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री शिव चौबे ने किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान धार जिले के बाकानेर में नर्मदा सेवा यात्रा में शामिल हुए। उन्होंने यात्रा ध्वज का पुष्प अर्पित कर स्वागत किया तथा कलश की पूजा-अर्चना की। इसके बाद श्री चौहान स्वयं ध्वज लेकर यात्रा में चले। उनकी पत्नी श्रीमती साधना सिंह ने सिर पर कलश धारण किया। इस दौरान आदिवासी नृतक पारम्परिक नृत्य करते हुए यात्रा के आगे-आगे चल रहे थे। यात्रा का जगह-जगह पर पुष्प-वर्षा कर भव्य स्वागत किया गया।