विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन बुधवार को शराबबंदी की मांग को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। जैसे ही मंत्री अमर अग्रवाल ने शराब दुकानें सरकार के चलाने के फैसले वाले आबकारी संशोधन अध्यादेश को पटल पर रखा विधायक अमित जोगी प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की मांग को लेकर नारे लगाने लगे।
विरोध में काली पट्टी बांधकर पहुंचे जोगी ने विधानसभा में सीएम के कमरे समेत पूरे परिसर में गंगाजल छिड़का और गर्भगृह में पहुंच गए। उनके साथ कांग्रेस विधायक सियाराम कौशिक व आरके राय भी थे। तीनों अध्यादेश वापस लेने की मांग कर रहे थे। गर्भगृह में पहुंचने के कारण अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने उन्हें निलंबित कर दिया। इस पर जोगी परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन करने जा पहुंचे।
जोगी का कहना है कि विधानसभा हमारे लोकतंत्र का मंदिर है और हम लोग उसके पुजारी। लोकतंत्र के मंदिर में शराब का अध्यादेश लाया जा सकता है और हम गंगाजल नहीं ला सकते? गंगाजल छिड़कने पर मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि सदन में पानी लाकर छिड़कना संसदीय परंपरा के खिलाफ है। जोगी ने विधायक होने का दुरुपयोग किया है। आज वे पानी लेकर आए हैं, कल आग लगाने वाली कोई वस्तु लेकर आ जाएंगे। कार्रवाई होनी चाहिए।
विधायक शिवरतन शर्मा ने राज्यपाल के अभिभाषण के बाद राष्ट्रगान के समय जोगी के हाथ में तख्ती लेने को सदन और देश का अपमान बताया और कार्रवाई की मांग की। मंत्री मूणत ने कहा कि जोगी ने राष्ट्र का और संसदीय परंपरा का अपमान किया है। उन्होंने अध्यक्ष से इस पर व्यवस्था की मांग की। अध्यक्ष ने कहा कि सरकार इसे गंभीर मानती है तो संसदीय कार्यमंत्री प्रस्ताव दें।
धान खरीदी व बारदाने की कमी को लेकर काम रोको प्रस्ताव पर कांग्रेस विधायक, मंत्री पुन्नूलाल मोहले के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। विधायक भूपेश बघेल धान के मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष से चर्चा कराने की अनुमति की मांग कर रहे थे। अध्यक्ष ने अनुमति नहीं दी तो सभी कांग्रेसी विधायक गर्भगृह में पहुंच हंगामा करने लगे। इस पर अध्यक्ष ने 35 विधायकों को निलंबित करते हुए विधानसभा की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। कांग्रेसी धान खरीदी में भ्रष्टाचार की जांच की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे। नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा कि इस साल धान की लिमिट तय करने से किसानों को भारी दिक्कत हुई। उन्होंने कहा - मेरा खुद का पंजीयन नहीं हुआ, ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि बाकी प्रदेश में क्या हाल होगा। विधायक धनेंद्र साहू ने कहा कि फर्जी पंजीयन करके पड़ोसी राज्यों से धान लाकर बेचा गया।
पेंड्रावन जलाशय मुद्दे पर भूपेश बघेल के साथ बहस करने वाले जल संसाधन सचिव गणेश शंकर मिश्रा को लेकर बुधवार को सदन में जमकर हंगामा हुआ। बघेल ने मिश्रा के खिलाफ विधानसभा में विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। प्रश्नकाल शुरू होते ही बघेल ने यह मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि सदन में मुद्दा उठाने पर अफसर धमकाते हैं, ऐसे में हम सदन में प्रश्न कैसे पूछ सकते हैं। मिश्रा के व्यवहार को लेकर कांग्रेसियों ने सदन के अंदर सरकार विरोधी नारेबाजी शुरू कर दी।
नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव सहित अन्य कांग्रेस सदस्यों ने सरकार में अफसरशाही हावी होने का आरोप लगाया। कांग्रेसी सरकार की तरफ से इस मामले में कोई वक्तव्य नहीं आने से भी नाराज थे। इस बीच उच्च शिक्षा मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने सरकार की तरफ से सदन को आश्वस्त करने का प्रयास किया, लेकिन कांग्रेसी नहीं माने और नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए।