केंद्र सरकार के स्टेंट की दरें तय करने के फैसले के 16 दिन बाद राज्य सरकार ने गुरुवार को स्टेंट की दरें छत्तीसगढ़ में लागू कर दीं। अब हर अस्पताल को तय दर पर ही स्टेंट लगाना होगा। छत्तीसगढ़ में वेयर मेटल स्टेंट 7260 रुपए और दवाई वाला (ड्रग इल्युटिंग स्टेंट्स, इन्क्लूडिंग मेटेलिक, डीईएस एंड बायोरिसॉर्वेबल वास्कुलर स्कॉफोल्ड बीवीएस बायोडिग्रेडेबल स्टेंट) स्टेंट 29600 रुपए में मिलेगा।
दरें पुराने स्टॉक पर भी लागू होंगी। ऐसा न करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत हैं। राज्य सरकार के आदेश से निजी अस्पतालों में हड़कंप मच गया है, वहीं मरीजों के लिए राहत वाली बात है। स्टेंड की दरें 85 फीसदी तक कम हुई है।
केंद्र के फैसले के बाद राज्य के कई बड़े अस्पताल जो एंजियोप्लास्टी के 1.50 लाख से 2.50 लाख रुपए तक ले रहे थे, उन्होंने सर्जरी कम या बंद कर दी थी। स्टेंट छिपा लिए थे। हालांकि इसका फायदा सरकारी अस्पतालों को हुआ, एकाएक एंजियोप्लास्टी बढ़ गई। \'नईदुनिया\' ने अंबेडकर अस्पताल की कैथलैब यूनिट से जानकारी ली तो पता चला कि 14 से 28 फरवरी (10 वर्किंग डे) के बीच 28 स्टेंट डाले गए। यानी 3 स्टेंट प्रतिदिन, जो पहले 1 हुआ करता था।
शहर के कॉर्डियोलॉजिस्ट का कहना है कि निजी अस्पतालों इसका भी तोड़ निकाल लिया है। पहले एंजियोप्लाटी के बाद 3 दिन तक मरीज को भर्ती रखा जाता था और 1.50 लाख से 2 लाख के पैकेज में सीसीयू का बिल शामिल था। अब 3 दिन का बिल प्रतिदिन के हिसाब से 10 हजार रुपए कर दिया है। दवा खर्च अलग है।
महासमुंद निवासी सायरा बानो (परिवर्तित नाम, 52) का अंबेडकर अस्पताल में 75 हजार के पैकेज में एंजियोप्लास्टी हो गई। परिजन सायरा को शहर के एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे थे, जहां 1.50 लाख खर्च बताया गया था। इतना पैसा था नहीं, इसलिए अंबेडकर आए। परिजनों ने निजी अस्पताल से कहा था कि केंद्र ने तो दरें तय कर दी हैं, तो जवाब मिला था- जानकारी नहीं है।
दुर्ग निवासी पंकज (परिवर्तित नाम, 50) को हार्ट पैन पर परिजन दुर्ग के निजी अस्पताल ले गए। एंजियोप्लास्टी का पैकेज 2 लाख रुपए बताया गया। मरीज के रिश्तेदार रायपुर में रहते हैं, संपर्क करने पर अंबेडकर अस्पताल जाने की सलाह दी। यहां संजीवनी कोष से इलाज हो गया। 2 स्टेंट डाले गए हैं।