गांव, गरीब और किसान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में हैं। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अनुपूरक बजट पर विधानसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि विगत वर्षों में भी हमने बजट में उनके लिए बेहतर से बेहतर प्रावधान किए हैं। राज्य के विकासात्मक व्यय में लगातार वृद्धि हुई है। उन्होंने सदन को बताया कि तृतीय अनुपूरक की इस राशि को मिलाकर राज्य सरकार के वर्तमान वित्तीय वर्ष 2016-17 के मुख्य बजट का आकार 80 हजार 202 करोड़ रुपए का हो गया है।
मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि कृषि, औद्योगिक और सर्विस सेक्टर से प्रदेश राष्ट्रीय औसत से आगे हैं। सर्विस सेक्टर में और बेहतर करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सौर सुजला योजना के अंतर्गत जून 2017 तक किसानों को ग्यारह हजार सोलर पम्प प्रदान करने का लक्ष्य है।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत 36 करोड़ 50 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। प्रथम चरण में बेमेतरा, जांजगीर एवं बलौदाबाजार जिलों के अनुसूचित जाति बहुल 100 चयनित गांवों में अधोसंरचनात्मक कार्यों के लिए प्रति गांव 45 लाख रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा आधारित ग्रामीण पेयजल योजना हमारे प्रदेश में काफी लोकप्रिय हो रही है। विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में सोलर पम्प आधारित पेयजल व्यवस्था की मांग करते हैं। इस योजना के लिए तृतीय अनुपूरक में 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। राज्य के 1053 गांवों में सौर ऊर्जा आधारित 2339 पम्पों के माध्यम से पेयजल योजना की कुल लागत 162 करोड़ रुपए है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौण खनिज को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने आपत्ति दर्ज कराई है। गौण खनिज का फंड पंचायत ही खर्च करता है। उन्होंने बताया कि गौण खनिज से प्राप्त राजस्व का नगरीय निकायों का अंतरण किए जाने के लिए तीन करोड़ 88 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।
नगरीय निकायों के लिए तृतीय अनुपूरक में 80 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इंडिया रिजर्व बटालियन यानी आरआई बटालियन के लिए केंद्रांश 26 करोड़ 19 लाख रुपए होगा। नाबार्ड सहायता से गोदाम निर्माण के लिए 27 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य मार्केटिंग कार्पोरेशन (आबकारी) के लिए 70 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
वित्तीय वर्ष के मुख्य बजट में 73 हजार 996 करोड़ रुपए का प्रावधान था। द्वितीय अनुपूरक में पारित 2801 करोड़ रुपए को मिलाकर इसका आकार 78 हजार 952 करोड़ रुपए हो गया था। तृतीय अनुपूरक में आयोजना व्यय 818 करोड़ रुपए, आयोजनेत्तर व्यय 432 करोड़ रुपए, पूंजीगत व्यय 586 करोड़ रुपए और राजस्व व्यय 664 करोड़ रुपए अनुमानित है। राजकोषीय घाटा मुख्य बजट में 8 हजार 111 करोड़ रुपए अनुमानित है। इसको मिलाकर मुख्य बजट का आकार 80 हजार 202 करोड़ रुपए का हो गया है।