छत्तीसगढ़ में जनता शराबबंदी के लिए संघर्ष कर रही है। गांव- शहरों में डेढ़ सौ से ज्यादा जगह महिलाएं, स्कूल-कॉलेज की छात्राएं, रहवासी और जनप्रतिनिधी सड़क पर आकर शराब दुकान बनाने और खोलने का विरोध कर रहे हैं।
भिलाई के पास बानबरद में कड़ी आपत्ति के बाद भी शराब दुकान निर्माण नहीं रोकने पर हवालात से लौटे ग्रामीणों ने अंतत: राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर इच्छामृत्यु मांगी है। ग्रामीणों का कहना है कि बहू-बेटियों को शराबी छेड़ें और हम देखते रहें, इससे अच्छा मर जाना ही है।
नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत शराब दुकानों का निर्माण नहीं कर सकते, क्योंकि अधिनियम ही इसकी इजाजत नहीं देता। फिर भी सरकार, जिला प्रशासन, आबकारी विभाग और नगरीय निकाय अफसर निर्माण कराने में लगे हैं। बड़ा सवाल ये भी है कि आर्थिक संकट से जूझ रहे निकाय किस मद से निर्माण करवा रहे हैं। इसे भी सरकार ने अब तक गोपनीय रखा है। अधिनियम में भवन बनवा सकते हैं।
प्रदेश के 27 में से 13 जिलों में शराबबंदी के लिए जनता संघर्ष कर रही है। सबसे ज्यादा दुर्ग जिले में 41 स्थानों पर प्रदर्शन चल रहा है। कुल 163 जगहों पर विरोध हो रहा है।